जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि वह जल की कमी तथा बड़े रेगिस्तानी भू-भाग को देखते हुए प्रदेश को जल शक्ति मिशन के तहत दी जाने वाली सहायता केन्द्र एवं राज्यों का बराबरी अनुपात के स्थान पर राजस्थान को नब्बे : दस के अनुपात में उपलब्ध कराए। गहलोत ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को लिखे पत्र में कहा कि इस योजना में राजस्थान सहित बिहार, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के लिए केन्द्रीय एवं राज्यांश का अनुपात बराबरी का रखा गया है। जबकि विषम जलवायु परिस्थितियों के कारण राजस्थान की तुलना इन राज्यों से किया जाना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान न केवल क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है अपितु इन राज्यों की तुलना में हमारे प्रदेश में जल की उपलब्धता बहुत कम है। राजस्थान का 85 प्रतिशत भाग डार्क जोन में है। साथ ही देश के एक-तिहाई जलीय गुणवत्ता प्रभावित गांव एवं ढाणियां भी राजस्थान में स्थित हैं। गहलोत ने कहा कि मरूस्थलीय इलाकों में राज्य की ज्यादातर गांव-ढाणियां छितरे रूप से दूर-दूर बसी हुई हैं। इस कारण पेयजल योजनाओं की लागत अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक आती है। राजस्थान के निवासी होने के नाते श्री शेखावत स्वयं यहां की पेयजल समस्याओं एवं आवश्यकताओं से भलीभांति परिचित हैं।