जालंधर। पंजाब एकता पार्टी के अध्यक्ष एवं विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने आज कहा कि तथाकथित ब्लैक लिस्ट से हटाये गए 312 सिखों के नाम सरकार सार्वजनिक करे। खैहरा ने विदेश में रहने वाले 312 सिखों के नाम तथाकथित ब्लैक लिस्ट से हटाने का स्वागत किया लेकिन उन्होंने संदेह व्यक्त किया कि उक्त सूची में शामिल लोगों की संख्या बहुत अधिक थी। उन्होंने कहा कि ब्लैक लिस्ट में शेष बचे दो सिखों के नाम भी उजागत किए जाएं। उन्होंने कहा अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के दावों के विपरीत ब्लैक लिस्ट में शामिल सिखों की संख्या हजारों में थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने विदेशों में रह रहे सिखों के बीच डर पैदा करने के लिए काली सूची बनाई थी न कि उनके किसी पंजाब या सिख विरोधी एजेंडे के लिए भारत के खिलाफ आवाज उठाने के लिए।
उन्होंने कहा कि 1984 में दरबार साहिब पर सैनिक कार्रवाई या दिल्ली में सिखों के नरसंहार के खिलाफ सिखों द्वारा अपनी आवाज बुलंद करना और शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना स्वाभाविक था। उन्होंने कहा कि वास्तव में काली सूची एक कट्टरपंथी कदम था। भारत सरकार सिखों को बदनाम करने और और उन्हें आतंकवादी बनाने के लिए उकसाती है। खैहरा ने कहा कि यह दुख की बात है कि वे बहादुर सिख जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर भारत की स्वतंत्रता के लिए वीरतापूर्वक लड़ाई लड़ी, अब तथाकथित काली सूची के माध्यम से देशद्रोहियों के रूप में लक्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ब्लैक लिस्ट सरकार का एक अलिखित अवैध कदम है क्योंकि एजेंसियों में उन सभी प्रमुख सिखों के नाम शामिल हैं जिन्होंने उपर्युक्त घटनाओं पर भारत विरोधी प्रदर्शनों में भाग लिया था। उन्होंने कहा कि 2016 में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा की यात्रा के दौरान सैकड़ों सिखों ने उनके नाम ब्लैक लिस्ट में शामिल होने की शिकायत की थी।