नैनीताल। उत्तराखंड में करोड़ों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले के कथित आरोपी एवं समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को फिलहाल उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिल पायी है। उच्च न्यायालय ने नौटियाल के गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगाने संबंधी याचिका को सुनवाई के बाद मंगलवार तक के लिए टाल दिया है। वह उत्तराखंड के समाज कल्याण घोटाले में कथित रूप से आरोपी हैं। उस पर बतौर हरिद्वार के तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी के रूप में अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की धनराशि को प्रावधानों के विपरीत आवंटन करने का आरोप है। घोटाले में तथ्य मिलने के बाद नौटियाल को विशेष जांच दल ने पूछताछ के लिये बुलाया था।
संयुक्त निदेशक तभी से गिरफ्तारी से बचने के लिये तमाम प्रयास कर रहे हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिये नौटियाल ने मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की अदालत में याचिका दायर की है। याचिका पर गुरूवार और शुक्रवार दोनों दिन सुनवाई हुई लेकिन अदालत ने सुनवाई के बाद मामले को आगामी मंगलवार तक के लिये टाल दिया। अब इस मामले में मंगलवार का सुनवाई होगी। इससे पहले आरोपी नौटियाल को उच्च न्यायालय से झटका लग चुका है। न्यायालय ने नौटियाल पर सख्त टिप्पणी करते हुए अनुसूचित जाति जनजाति आयोग की ओर से लगी गिरफ्तारी पर रोक को हटा दिया था। साथ ही आयोग की कार्यशैली पर भी प्रश्न चिह्न लगाया था।