पटना। बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने वर्ष 2020 का विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ने के सवाल पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ रिश्तों को लेकर लगायी जा रही अटकलों पर आज विराम लगाते हुए कहा कि कई मुद्दों पर दोनों पार्टियां एकमत नहीं है बावजूद इसके उनके रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है और राज्य में गठबंधन कायम रहेगा । सिंह ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘बिहार में जदयू और भाजपा की दोस्ती में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन इसका गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। हमारा गठबंधन कायम रहेगा।’’
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा का चुनाव लड़े जाने पर जो कुछ नेता सवाल खड़े कर रहे हैं उनके बयान का भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष रामविलास पासवान के इस संबंध में स्थिति स्पष्ट किये जाने के बाद कोई मतलब नहीं रह जाता है । जदयू नेता ने कहा कि मोदी और पासवान ने स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ा जायेगा । कुमार ही बिहार के फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे । अब इसके बाद कुछ लोगों के बोलते रहने से क्या फर्क पड़ जाएगा । अब इस मामले में किसी की टिप्पणी कोई मायने नहीं रखती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा और जदयू के बीच पहले भी ऐसा हो चुका है । मीडिया में बयानबाजी से तब तक राजनीति प्रभावित नहीं होती, जब तक बयान देने वाला कोई महत्वपूर्ण नेता न हो । सिंह ने कहा कि भाजपा और जदयू का कई मुद्दों पर मतैक्य नहीं है लेकिन इससे उनके रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ता है । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का जदयू हर कीमत पर विरोध करेगा । इसे लेकर पार्टी के रुख में कोई बदलाव नहीं होने वाला है। पार्टी का जो रुख पहले था, वही आज भी है।