टेक्नोलॉजी की फील्ड में लगातार बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में इस इंडस्ट्री में नौकरी की सिक्योरिटी ढूंढना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि, लगातार डेवलप हो रही इस इंडस्ट्री में हेमंत पांडे ने एक अनोखी पहचान बनाई है। उनकी कहानी दृढ़ता और इच्छाशक्ति का उदाहरण पेश करती है। दरअसल, वह मेटा (Meta) में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करके प्रति वर्ष 4 करोड़ रुपये कमाते हैं। यहां काम करने से पहले वह टेस्ला (Tesla) में काम किया करते थे, जहां से उन्हें महज 7 महीने के अंदर निकाल दिया गया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और मेटा में 4 करोड़ रुपये का पैकेज हासिल कर लिया। आइए, आज हम आपको हेमंत पांडे की पूरी कहानी बताते हैं।
दरअसल, हेमंत पांडे का करियर साल 2018 में शुरू हुआ था, जब वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होने के बाद Amazon में इंटर्न थे। इस अवसर के कारण उन्हें टेस्ला द्वारा काम पर रखा गया, जो उनकी पहले सबसे बेहरीन नौकरी थी। उन्होंने यहां फुल टाइम सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करना शुरू किया। हेमंत एक प्रतिष्ठित इलेक्ट्रिक कार कंपनी में नौकरी पाने और बेहतरीन पैकेज पाकर खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहे थे। हालांकि, दुर्भाग्य से, उनकी खुशी लंबे समय तक नहीं टिकी। केवल सात महीने की नौकरी के बाद, टेस्ला ने उन्हें अचानक निकाल दिया।
हेमंत पांडे के लिए अचानक हुई छंटनी एक बड़ी बाधा थी। उन्होंने कुछ समय पहले ही भारत में अपने माता-पिता को फोन करके उन्हें कैलिफोर्निया में मिलने के लिए आने को कहा था। उन्होंने टेस्ला से शुरुआत की थी, लेकिन छंटनी के कारण दोबारा एडजस्ट होने के लिए उनके पास केवल छह महीने थे। हालांकि, हेमंत ने निराशा से हार मानने के बजाय इस कठिन दौर को एक अवसर में बदलने का मजबूत निर्णय लिया।हेमंत पांडे की प्रॉब्लम सॉल्विंग एबिलिटी ने कई प्रतिष्ठित कंपनियों को प्रभावित किया। मेटा (Meta) से आकर्षक ऑफर के अलावा, पांडे को टिकटॉक (Tiktok) और लिंक्डइन (LinkedIn) से जॉब के ऑफर मिले। हालांकि, हेमन्त ने मेटा का ऑफर एक्सेप्ट कर लिया। उन्हें मेटा द्वारा 4 करोड़ का पैकेज दिया गया था। उनकी कहानी दृढ़ता, रणनीतिक सोच और अप्रत्याशित बाधाओं का डटकर सामना करने और गलतियों से सीखने का