देश के बड़े करोबारी ग्रुप में से एक गोदरेज ग्रुप का बंटवारा हो गया है। 127 साल पुराने गोदरेज ग्रुप का दो हिस्सों में बंटवारा किया गया है। परिवार के बीच हुए समझौते के अनुसार,ग्रुप को दो हिस्से में बांटा किया जाएगा। एक की कमान आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर के पास होगी, जबकि दूसरी की कमान उनके चचेरे भाई-बहन जमशेद और स्मिता के पास होगा। आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर गोदरेज इंडस्ट्रीज समूह का नेतृत्व करेंगे। इसमें गोदरेज इंडस्ट्रीज लि., गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लि., गोदरेज प्रॉपर्टीज लि., गोदरेज एग्रोवेट लि.और एस्टेक लाइफसाइंसेज लिमिटेड सहित अन्य सूचीबद्ध कंपनियां शामिल हैं।
रिशद कैखुशरू नौरोजी ने ग्रुप की कंपनियों में अपने अधिकांश शेयर भतीजों और भतीजियों को उपहार में देने का फैसला किया है। कॉर्पोरेट भारत के सुपर-रिच द्वारा अपनी संपत्ति रिश्तेदारों के लिए छोड़ने का यह एक दुर्लभ उदाहरण है। 72 वर्षीय नौरोजी, गोदरेज बिजनेस परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्य हैं और आदि, नादिर और जमशेद गोदरेज और स्मिता गोदरेज कृष्णा के चचेरे भाई हैं। नौरोजी, गोदरेज एग्रोवेट, गोदरेज कंज्यूमर, गोदरेज प्रॉपर्टीज और गोदरेज इंडस्ट्रीज सहित कई सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध गोदरेज कंपनियों में शेयर रखते हैं। 1 मई तक इन कंपनियों में उनकी संयुक्त हिस्सेदारी लगभग 7,050 करोड़ रुपये है।
वहीं 75 वर्षीय जमशेद गोदरेज के पास गोदरेज एंटरप्राइजेज का नेतृत्व होगा। इसमें गोदरेज एंड बॉयल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी शामिल हैं। यह एयरोस्पेस, विमानन, रक्षा, ऊर्जा, निर्माण, आईटी और सॉफ्टवेयर जैसे कई क्षेत्रों में मौजूद है। वहीं उनकी भतीजी नायरिका होलकर कार्यकारी निदेशक होंगी। सूत्रों और शेयर बाजार को दी गयी सूचना के अनुसार, समझौते के तहत दोनों समूह गोदरेज ब्रांड नाम का उपयोग करते रहेंगे।
जमशेद नौरोजी गोदरेज और उनकी बहन स्मिता कृष्णा गोदरेज के नियंत्रण वाली गोदरेज एंड बॉयस के पास उपलब्ध जमीन पर विशेष निर्माण अधिकार होगा। इसमें मुंबई में 3,000 एकड़ की जमीन भी शामिल है। यह उन्हें गोदरेज कारोबार को विभाजित करने वाले पारिवारिक समझौते के तहत मिली है। सूत्रों और शेयर बाजार को दी गयी सूचना से यह जानकारी मिली।
दोनों ने छह साल के गैर-प्रतिस्पर्धा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे वे एक-दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। गैर-प्रतिस्पर्धा अवधि की समाप्ति के बाद, वे दूसरे के क्षेत्र में काम कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए गोदरेज नाम का उपयोग नहीं कर सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि यह बंटवारा शेयरों के हस्तांतरण के जरिये किया गया है न कि मूल्य के जरिये। आदि और नादिर, गोदरेज एंड बॉयस में अपनी हिस्सेदारी दूसरी इकाइयों को दे देंगे। जमशेद गोदरेज और उनका परिवार एक पारिवारिक व्यवस्था के माध्यम से गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (जीसीपीएल) और गोदरेज प्रॉपर्टीज में अपनी हिस्सेदारी अपने चचेरे भाइयों को हस्तांतरित करेंगे।
हजारों करोड़ रुपये की अचल संपत्ति गोदरेज एंड बॉयस (जी एंड बी) के पास होगी और स्वामित्व अधिकारों को लेकर एक अलग समझौते पर काम किया जाएगा। ज्यादातर अचल संपत्ति मुंबई उपनगरीय क्षेत्रों में है। सूत्रों ने कहा कि जी एंड बी के पास सभी भूमि बैंक पर निर्माण अधिकार होगा, जबकि दूसरे समूह की गोदरेज प्रॉपर्टीज के पास बाजार का अधिकार होगा। गोदरेज प्रॉपर्टीज के पास कोई निर्माण अधिकार नहीं होगा। इसके पास मुंबई में 3,400 एकड़ जमीन है। इसमें मुंबई के विक्रोली में 3,000 एकड़ का भूखंड भी शामिल है। कुछ अनुमानों के अनुसार, विक्रोली भूमि की विकास क्षमता एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है। कंपनी 1,000 एकड़ भूमि विकसित कर सकती है, जबकि लगभग 1,750 एकड़ भूमि पर मैंग्रोव है। वहां दुर्लभ पौधों और पक्षियों का निवास स्थान है।
विक्रोली संपत्ति को समूह के सह-संस्थापक पिरोजशा ने 1941-42 में बंबई उच्च न्यायालय के रिसीवर से एक सार्वजनिक नीलामी में खरीदा था। पहले इसका स्वामित्व एक पारसी व्यापारी फ्रामजी बानाजी के पास था, जिन्होंने इसे 1830 के दशक में ईस्ट इंडिया कंपनी से खरीदी थी। संपत्ति विभाजन को आगे बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की कंपनियों के निदेशक मंडल छोड़ दिए। इसके तहत, आदि और नादिर गोदरेज ने गोदरेज एंड बॉयस बोर्ड से इस्तीफा दे दिया, जबकि जमशेद गोदरेज ने जीसीपीएल और गोदरेज प्रॉपर्टीज के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है। समझौते के तहत 73 वर्षीय नादिर गोदरेज, गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप (जीआईजी) के चेयरपर्सन के रूप में काम करेंगे। आदि गोदरेज के पुत्र पिरोजशा गोदरेज को अगस्त 2026 में नादिर गोदरेज के बाद जीआईजी का अध्यक्ष नामित किया जाएगा।