भारत और सऊदी अरब के बीच समुद्र के नीचे बिजली ट्रांसमिशन लाइन बिछाने के लिए करार हुआ है। बिजली ट्रांसमिशन लाइन के जरिए भारत और सउदी अरब के पावर ग्रिड को आपस में जोड़ा जाएगा। जी 20 बैठक में शिरकत करने भारत आए सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिल सलमान बिन अब्दुलअजीज अल साउद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई जिसके बाद दोनों देशों के बीच ग्रिड कनेक्टिविटी के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ है।
पावर ट्रांसमिशन के क्षेत्र में भारत और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक करार हुआ है। समुंद्र के बिजली ट्रांसमिशन लाइन डालकर भारत और सऊदी अरब के पावर ग्रिड को आपस में जोड़ने के लिए एमओयू (Memorundum Of Understanding) पर हस्ताक्षर किया गया है। वन सन, वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun, One World, One Grid) के पहल के तहत दोनों देशों के बीच ये समझौता हुआ है। इस समझौते के जरिए भारत के एनर्जी सिक्योरिटी को बल में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट कर कहा कि सऊदी अरब के साथ ग्रिड कनेक्टिविटी, रिन्यूएबल एनर्जी, खाद्य सुरक्षा, सेमीकंड्क्टर्स और सप्लाई चेन में सहयोग को लेकर अपार संभावनाएं हैं।
भारत और सऊदी अरब के बीच समुंद्र के नीचे पावर ट्रांसमिशन लाइन के जरिए ग्रिड को जोड़ने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद इसका सबसे बड़ा फायदा देश में सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी पावर ट्रांसमिशन कंपनी पावर ग्रिड को हो सकता है। पावर ट्रांसमिशन के क्षेत्र में पावर ग्रिड कॉरपोरेशन का देश में एकाधिकार है। इस खबर के सामने आने के बाद पावर ग्रिड के शेयर में जोरदार तेजी भी देखने को मिली है। पावर ग्रिड का स्टॉक 2.26 फीसदी के उछाल के साथ 264.50 रुपये पर बंद हुआ है। फिलहाल भारत ने समुंद्र के रास्ते ग्रिड को जोड़ने के लिए सऊदी अरब के साथ समझौता किया है लेकिन आने वाले दिनों में ऐसा ही करार संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर के साथ भी किए जाने के आसार हैं।