बैंगलोर। इंडिया में जब TikTok बैन हुआ, तो इसको लेकर खूब हो-हल्ला हुआ था। लेकिन अब Tiktok बैन का असर दिखने लगा है। इस मामले में भारत को बड़ा फायदा हुआ है। चीनी शार्ट वीडियो मेकिंग ऐप Tiktok बैन के बाद से भारतीय शार्ट वीडियो मेकिंग कंपनियां फायदे में रही हैं। साथ ही भारत का एडवर्टाइज रेवेन्यू तेजी से बढ़ा है। पिछले 6 माह में शार्ट वीडियो कंटेंट देखने वाले एक्टिव यूजर्स की संख्या में 1.37 गुना की मंथली ग्रोथ दर्ज की गई है। इसका खुलासा घरेलू कंसल्टिंग फर्म RedSeer Consulting की लेटेस्ट रिपोर्ट से हुआ है। साथ ही पिछले 2020 साल के मुकाबले में डेली एक्टिव यूजर्स की संख्या 1.1 गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
रिपोर्ट की मानें, तो ग्लोबल सोशल मीडिया देश के टॉप 50 शहरों में हावी हैं। जबकि भारतीय सोशल मीडिया और शॉर्ट-फॉर्म वीडियो प्लेटफॉर्म भी एक बड़ी हिस्सेदारी रखते हैं। सोशल मीडिया पर बिताया गया कुल समय में 8 प्रतिशत की ऑर्गेनिक ग्रोथ रही है। जबकि नॉन सोशल मीडिया ( शॉर्ट-फॉर्म वीडियो) का समय 57 प्रतिशत बढ़ा है, जो शॉर्ट-फॉर्म वीडियो की तेज बढ़ती डिमांड की तरफ इशारा करता है। RedSeer Consulting के उज्ज्वल चौधरी की मानें, तो डिजिटल विज्ञापन खर्च मात्र 1 प्रतिशत हुआ करता है, जिसमें पिछले 6 माह में तीन गुना का इजाफा हुआ है। ऐसी उम्मीद है कि जैसे से शॉर्ट वीडियो की डिमांड बढ़ेगी, उसी हिसाब से विज्ञापन राजस्व बढ़ता रहेगा। एक अनुमान के मुताबिक साल 2025 तक शार्ट वीडियो के मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या देश में बढ़कर 650 मिलियन हो सकती है। ऐसा अनुमान है कि साल 2025 तक ही 300 मिलियन नये इंटरनेट यूजर्स जुड़ेंगे। भारतीय शॉर्ट वीडियो मेकिंग प्लेटफॉर्म Josh और Moj ऐप में बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है।