नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी की वजह से विदेशी बाजारों में कंपनी के निवेश पर काफी बुरा असर पड़ा है। अपनी बैलेंस शीट में सुधार के लिए कंपनी कॉस्ट कटिंग कर रही है। इसके साथ ही अपने फूड डिलीवरी कारोबार पर भी ध्यान दे रही है। पहली तिमाही में 3.54 अरब डॉलर की आय कंपनी को पहली तिमाही में 3.54 अरब डॉलर की आय हुई। पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले यह 14 फीसदी ज्यादा है। वहीं फूड डिलीवरी कारोबार की आय 53 फीसदी बढ़ी है, क्योंकि लॉकडाउन में घर बैठे लोगों ने ज्यादा फूड ऑर्डर किया।
जिन देशों में कंपनी का फूड डिलीवरी कारोबार अच्छा चल रहा था, उन देशों में उबर फूड डिलीवरी से बाहर निकल गई है। उबर ईट्स फूड डिलीवरी कारोबार की बुकिंग में 54 फीसदी तेजी दर्ज की गई, जबकि राइड कारोबार की बुकिंग में 3 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। पहली तिमाही में विदेशी बाजारों में उबर के निवेश के मूल्य में 2.1 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई।
दुनियाभर में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले राइड में 80 फीसदी की गिरावट आई है। मालूम हो कि अप्रैल-जून तिमाही में भी कंपनी का प्रदर्शन खराब रहने की आशंका है। इस संदर्भ में कंपनी ने कहा कि वह अपने बाइक और स्कूटर कारोबार 'जंप' को बेच रही है। जंप की बिक्री लाइम को की जाएगी, जो उबर में 8.5 करोड़ डॉलर का निवेश कर रही है।
कंपनी ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि जंप को एक तिमाही में करीब 6 करोड़ डॉलर का घाटा हो रहा था। उबर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दारा खोसरोशाही ने कहा कि दुनिया में फैले कोरोना वायरस महामारी की वजह से परिवहन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इसलिए कंपनी ने बैलेंस शीट को ठीक रखने के लिए कदम उठाए हैं और उबर ईट्स में अधिक संसाधन लगाया है। उन्होंने कहा कि फूड डिलीवरी कारोबार में तेजी दिख रही है। धीरे-धीरे लॉकडाउन खुलने से हम उत्साहित हैं।
कहा था कि वह कुल कर्मचारियों के 14 फीसदी यानी 3,700 पूर्णकालिक कर्मचारियों को नौकरी से हटा रही है। वहीं अमेरिका में उबर की मुख्य प्रतियोगी कंपनी लिफ्ट ने कहा था कि मांग में गिरावट के कारण वह 982 कर्मचारियों (कुल कर्मचारियों का 17 फीसदी) को नौकरी से हटा रही है। इतना ही नहीं, पश्चिम एशिया में उबर की सहायक कंपनी करीम ने भी अपने 31 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।