कोरोना संक्रमण काल में सरकार द्वारा जहाँ इसकी रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीँ अन्य जरुरी स्वास्थ्य सुविधाओं का भी ख्याल रखा जा रहा है। इस दिशा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने परिवार नियोजन सुविधाओं में भी एक नया बदलाव किया है. वर्ष 2011 में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर गर्भनिरोधक साधनों की होम डिलीवरी करने के मकसद से ‘होम डिलीवरी ऑफ़ कंट्रासेपटिव’योजना की शुरुआत की गयी थी, जो अभी भी चलायी जा रही है।
अब केंद्र सरकार ने इस योजना में बदलाव किया है. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के जॉइंट कमिश्नर डॉ. सुमिता घोष ने राज्य को पत्र लिखकर एचडीसी योजना में किये गए संसोधन के विषय में जानकारी दी है। पत्र में बताया गया है कि योग्य दम्तियों के लिए उनके घर पर ही गर्भनिरोधक साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के मकसद से वर्ष 2011 में ‘होम डिलीवरी ऑफ़ कंट्रासेपटिव’योजना की शुरुआत की गयी थी।
जिसमें आशा घर-घर जाकर योग्य दम्पतियों को गर्भनिरोधक देती थी. अभी भी यह योजना देश में लागू है जिसमें गर्भनिरोधकों की सप्लाई दो तरीके से की जा रही थी. पहले तरीके में घर-घर जाकर गर्भनिरोधकोण की सप्लाई आशा द्वारा की जा रही थी जिसे ‘एचडीसी’ सप्लाई नाम दिया गया है. इसके लिए लाभार्थी को एचडीसी पैकेट पर अंकित मूल्य के हिसाब से भुगतान करना पड़ता था. वहीँ फ्री सप्लाई कंपोनेट के तहत गर्भनिरोधक साधनों की सप्लाई स्वास्थ्य उपकेंद्रों सहित अन्य सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध करायी जा रही थी।