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बजट में कागज पर सीमा शुल्क पर हो बढ़ोतरी : उद्योग

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 22 2020 2:47PM | Updated Date: Jan 22 2020 2:48PM
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नई दिल्ली। कागज के भारी पैमाने पर आयात से घरेलू उद्योगों के हितों की हिफाजत की दिशा में सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों से उत्साहित घरेलू कागज उद्योग ने आगामी बजट में आयातित कागज पर सीमा शुल्क बढ़ोतरी की मांग की है। भारत का कागज उद्योग 70,000 करोड़ रुपये का है। भारतीय बाजार में बड़ी मात्रा में आयातित कागज पहुंचता है।
 
इंडियन पेपर मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईपीएमए) ने बजट से अपनी उम्मीद जाहिर करते हुये कहा कि देश में कम या शून्य आयात शुल्क विशेषरूप से मुक्त व्यापार संधि (एफटीए) के प्रावधानों का लाभ उठाते हुए कई बड़े पेपर उत्पादक देश भारतीय बाजार को लक्ष्य बना रहे हैं। आईपीएमए के अनुसार वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए भारतीय पल्प एवं पेपर उद्योग संकट में है। बड़े पेपर उत्पादक देश तेजी से उभरते भारतीय बाजार में बड़ी मात्रा में पेपर और पेपरबोर्ड का निर्यात कर रहे हैं।
 
इन देशों में इंडोनेशिया और चीन शामिल हैं, जहां के मैन्यूफैक्चरर्स को निर्यात पर बड़े इन्सेंटिव मिलते हैं। साथ ही उन्हें सस्ता कच्चा माल और ऊर्जा भी उपलब्ध है। आईपीएमए के अध्यक्ष ए एस मेहता ने कहा कि पिछले 5-7 साल में घरेलू उद्योग में 25,000 करोड़ रुपये के निवेश से उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बावजूद इसके भारत में पेपर और पेपरबोर्ड का आयात तेजी से बढ़ा है।
 
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलीजेंस एंड स्टेटिस्टिक्स (डीजीसीआईएंडएस)के आंकड़ों के हवाले से आईपीएमए ने कहा कि पिछले आठ साल में मूल्य के हिसाब से आयात 13.10 प्रतिशत वार्षिक बढ़ा है। यह 2010-11 के 3,411 करोड़ रुपये से बढ़कर 2018-19 में 9,134 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। मात्रा के हिसाब से इसमें 13.54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आयात 2010-11 के 5.4 लाख टन से बढ़कर 2018-19 में 14.8 लाख टन हो गया है।
 
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