नई दिल्ली। PM मोदी ने आर्थिक क्षेत्रों से बहुस्तरीय संपर्क के लिए आज ‘ प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना’ की शुरुआत की। प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मंच है। इस योजना का करने के साथ ही पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ हम, अगले 25 वर्षों के भारत की बुनियाद रच रहे हैं। पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान, भारत के इसी आत्मबल को, आत्मविश्वास को, आत्मनिर्भरता के संकल्प तक ले जाने वाला है।
उन्होंने कहा कि ये नेशनल मास्टरप्लान, 21वीं सदी के भारत को गतिशक्ति देगा। गतिशक्ति के इस महाअभियान के केंद्र में हैं भारत के लोग, भारत की इंडस्ट्री, भारत का व्यापार जगत, भारत के मैन्यूफैक्चरर्स, भारत के किसान। ये भारत की वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को 21वीं सदी के भारत के निर्माण के लिए नई ऊर्जा देगा, उनके रास्ते के रुकावट को समाप्त करेगा। इस योजना के अंतर्गत किसी भी योजना के निर्माण, डिजाइन में भारतमाला, सागरमाला, अंतरदेशीय जलमार्ग, शुष्क भूमि, बंदरगाह, उड़ान जैसे विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकार की ढांचागत परियोजनाओं को शामिल किया जाएगा।
PM ने कहा कि हमने ना सिर्फ परियोजनाओं को तय समयसीमा में पूरा करने का वर्क कल्चर विकसित किया बल्कि आज समय से पहले प्रोजेक्टस पूरे करने का प्रयास हो रहा है। जबकि दुनिया में ये स्वीकृत बात है कि सतत विकास के लिए क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण एक ऐसा रास्ता है, जो अनेक आर्थिक गतिविधियों को जन्म देता है, बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का निर्माण करता है। हमारे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विषय ज्यादातर राजनीतिक दलों की प्राथमिकता से दूर रहा है। ये उनके घोषणापत्र में भी नजर नहीं आता। अब तो ये स्थिति आ गई है कि कुछ राजनीतिक दल, देश के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर आलोचना करने लगे हैं। यह मंच उद्योगों की कार्य क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा, स्थानीय विनिर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा, उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा और भविष्य के आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण के लिए नई संभावनाओं को विकसित करने में भी मदद करेगा।