नई दिल्ली। SC ने CBSE व ICSE के परीक्षाओं को रद्द करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया और छात्रों के परीक्षा पैटर्न का मूल्यांकन करने के लिए बोर्ड द्वारा लाई गई मूल्यांकन योजना को आगे बढ़ाने की भी अनुमति दी। मंगलवार को सुनवाई के दौरान SC ने SC ने CBSE व ICSE ने 12वीं के मूल्यांकन स्कीम को सही और तार्किक करार दिया। SC ने मूल्यांकन स्कीम में स्कूलों द्वारा धांधली की आशंका के आरोप पर भी किसी तरह का आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि इसके लिए बाकायदा एक रिजल्ट कमेटी होगी, जो इस पर गौर करेगी। कमेटी में स्कूल के ही नहीं बल्कि बाहरी सदस्य भी होंगे।
जस्टिस AM खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने छात्रों को शुरुआत में मूल्यांकन स्कीम या परीक्षा में बैठने में से किसी एक विकल्प को चुनने की मांग को ठुकरा दिया। इसके साथ ही 12वीं की फिजिकल परीक्षा जुलाई में ही आयोजित कराने की मांग को भी ठुकरा दिया। शीर्ष अदालत परीक्षाओं को आयोजित करने की मांग याचिका के साथ ही 1152 छात्रों द्वारा दायर एक संयुक्त याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सीबीएसई कक्षा 12वीं की कंपार्टमेंट परीक्षा, राज्य बोर्ड 12वीं की परीक्षा और अन्य बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई थी। इससे पहले, 21 जून, 2021 को सुप्रीम कोर्ट में बोर्ड परीक्षाओं और मूल्यांकन संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कुछ छात्रों ने सीबीएसई और सीआईएससीई (CISCE) द्वारा आईएससी 12वीं बोर्ड के मूल्यांकन फॉर्मूले पर सवाल उठाए थे।
CBSE Board ने 12वीं की वैकल्पिक परीक्षा अगस्त-सितंबर में कराने की बात कही थी। CBSE Board ने कहा कि हम पूर्व घोषित मूल्यांकन नीति से रिजल्ट तैयार कर रहे हैं। परिणाम 31 जुलाई तक घोषित कर दिए जाएंगे। मूल्यांकन और रिजल्ट से असंतुष्ट छात्रों को मध्य अगस्त से सितंबर के बीच परीक्षाओं में भाग लेने का मौका दिया जाएगा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 17 जून, 2021 को 12वीं कक्षा के रिजल्ट के लिए मूल्यांकन मानदंड जारी किए थे, जिन्हें SCने स्वीकार कर लिया था। बोर्ड ने 12वीं कक्षा के रिजल्ट के लिए 30:30:40 का मूल्यांकन फॉर्मूला दिया था। तब सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बोर्ड से शिकायत निवारण तंत्र, वैकल्पिक परीक्षा की तारीख आदि चीजों को शामिल करने के लिए कहा था।