नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस में मची रार का फायदा विपक्षी पार्टियों को हो सकता है। दिल्ली में एआईसीसी की तीन सदस्यीय समिति ने मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अपनी नाराजगी जाहिर की और उन्हें पार्टी के नाराज विधायकों के साथ तेजी से काम करने के लिए कहा। सूत्रों की मानें, तो समिति ने कहा कि अगले साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव सभा से पहले नाराज विधायकों को मनाना जरूरी है और इसकी पूरी कोशिश की जाएगी। यही वजह है कि आलाकमान ने एक तरफ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को टीम संभालने की नसीहत दी है तो दूसरी तरफ पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नवजोत सिंह सिद्धू से नाराज बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, गुटबाजी को खत्म करने के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय समिति ने भी सिद्धू की सार्वजनिक बयानबाजी पर नाराजगी जाहिर की है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मंगलवार को समिति ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को नसीहत दी कि वह नाराज विधायकों को जल्दी मनाएं। उनसे कहा गया कि चुनाव से पहले विधायकों को संतुष्ट करना जरूरी है। नवजोत सिंह सिद्धू गुट को मनाने की पूरी कोशिश की जाएगी।
बताया जा रहा है कि समिति और राहल गांधी नवजोत सिंह सिद्धू की बयानबाजी से खुश नहीं है। खासकर उनके उस बयान पर नाराजगी जाहिर की गई है जिसमें उन्होंने कहा था पंजाब में 'दो परिवार' लाभ ले रहे हैं। समिति और शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि सार्वजनिक बयानबाजी से बचा जाए। एक तरफ अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में एआईसीसी की तीन सदस्यीय समिति से मुलाकात की। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला और फतेहगढ़ साहिब के विधायक कुलजीत सिंह नागरा सहित पंजाब के कुछ नेताओं से मुलाकात की। आज भी वह कई नेताओं से मिलेंगे।