काठमांडू: दुनिया भर में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day 2021) मनाया गया. इस बीच नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने दावा किया कि योग की उत्पत्ति भारत में नहीं, बल्कि उनके देश में हुई है. ओली ने अपने विवादास्पद दावे को भी दोहराया कि भगवान राम का जन्म नेपाल में हुआ था.
नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अपने संबोधन में कहा, एक राष्ट्र के रूप में भारत के अस्तित्व से बहुत पहले, नेपाल में योग का अभ्यास किया जाता था और किया जाता रहा है. उन्होंने कहा, योग की उत्पत्ति भारत में नहीं हुई थी. जब योग की खोज हुई थी, तब भारत का गठन नहीं हुआ था. भारत जैसा कोई देश नहीं था क्योंकि नेपाल में योग के प्रचलन में आने के समय कई सीमांत राज्य थे. तो योग की उत्पत्ति नेपाल या उत्तराखंड के आसपास हुई.
ओली ने कहा कि हमने योग की खोज करने वाले अपने ऋषियों को कभी श्रेय नहीं दिया. हम हमेशा इस या उस प्रोफेसर और उनके योगदान के बारे में बात करते थे. उन्होंने कहा, हम अपना दावा ठीक से नहीं रख सके. हम इसे दुनिया भर में नहीं ले जा सके. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने साल के सबसे लंबे दिन पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव देकर इसे प्रसिद्ध किया. फिर इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली.
ओली ने इससे पहले भी विवादित बयानबाजी की है. उन्होंने पहले यह कहकर विवाद छेड़ दिया था कि भगवान राम का जन्म भारत के अयोध्या में नहीं, बल्कि नेपाल के चितवन जिले में अयोध्यापुरी के नाम से पहचाने जाने वाले माडी क्षेत्र में हुआ था. उन्होंने भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और अन्य के विशाल मंदिरों के निर्माण का आदेश दिया था और वह अपने दावों पर कायम भी रहे. उन्होंने कहा, अयोध्यापुरी नेपाल में है. वाल्मीकि आश्रम भी अयोध्यापुरी के पास नेपाल में है. सीता माता का देहांत देवघाट में हुआ था, जो नेपाल में अयोध्यापुरी और वाल्मीकि आश्रम के करीब है.