नई दिल्ली। PM नरेंद्र मोदी की ओर से J&K पर 24 जून को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से पहले राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। रविवार को दिल्ली में अचानक ही बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया। सबसे पहले सुबह के वक्त जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। उसके बाद दोपहर में गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह PM आवास पहुंचे। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के मसले पर चर्चा हुई। इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने संकेत दिए हैं कि वह PM मोदी द्वारा आहूत सर्वदलीय बैठक से किनारा कर सकती हैं। यह तब है जब उन्होंने खुद स्वीकार किया था उनके पास बैठक के बाबत दिल्ली से फोन आया था। PM मोदी की ओर से जम्मू-कश्मीर पर सर्वदलीय बैठक आहूत किए जाने के बाद तमाम कयास फिजा में तैरने लगे हैं।
सबसे प्रमुख तो यही है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे या फिर मोदी सरकार कुछ और नया करने की तैयारी कर रही है। इसी हलचल के बीच जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का दिल्ली में मीटिंग व मुलाकात का दौर जारी है। शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करने के बाद वह फिर रविवार को भी रक्षा मंत्री से मिलने पहुंचे। बताते हैं कि लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर ने रविवार को ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। 24 जून को आहूत सर्वदलीय बैठक पर जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री की इस पहल का स्वागत किया है। राजनीतिक दलों का कहना है कि इस बैठक के जरिए केंद्र और राज्य के बीच संवाद शुरू होगा और बातचीत से ही आगे का रास्ता तय हो सकता है।
जम्मू-कश्मीर में लंबे अरसे बाद कोई राजनीतिक प्रक्रिया शुरू हो रही है। प्रदेश में धारा 370 लगने के बाद से राष्ट्रपति शासन लागू है। इस बीच सरकार ने महबूबा मुफ्ती के चाचा सरताज मदनी को नजरबंदी से रिहा कर दिया है। सरकार के इस कदम को बैठक को लेकर बहुत अहम् माना जा रहा है और यह भी कहा जा रहा है कि केंद्र ने बैठक को ध्यान में रखते हुए ही यह कदम उठाया है।