नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर में कोविड से ठीक हुए मरीजों में सामने आए डिसऑर्डर्स (Disorders) और फंगसों ने हाहाकार मचा दिया है। देश के कई राज्यों में कोरोना के मरीजों की संख्या के साथ ही कोविड से रिकवर होने के बाद लांग कोविड सहित पोस्ट कोविड (Post Covid) होने वाली बीमारियों (Diseases) के मरीजों की संख्या में हुए इजाफे ने चिंताएं बढ़ा दी हैं।
अभी भी देश में कोरोना के मामलों में आ रही कमी के बावजूद ब्लैक या व्हाइट फंगस (White Fungus) सहित लांग कोविड (Long Covid) के मरीजों की अच्छी खासी संख्या है। वहीं इन बीमारियों के चलते अब लोगों के मन में कुछ और सवाल पैदा हो रहे हैं कि आखिर कोरोना ठीक होने के बाद भी वे स्वस्थ हैं या नहीं? कोरोना से रिकवर होने के कितने दिन बाद आखिर व्यक्ति खुद को स्वस्थ मान सकता है?
विश्व में कोरोना आने के साथ ही इसकी अवधि को लेकर बताया गया कि कोरोना (Corona) के लक्षण किसी भी व्यक्ति के शरीर में 14 दिन तक रहते हैं। इसी दौरान मरीज के जांचों में पॉजिटिव आने की संभावना होती है उसके बाद कोरोना नहीं रहता लेकिन समय के साथ-साथ तमाम सवालों के जवाब बदले हैं। साथ ही नई-नई बीमारियों के आने के कारण कोरोना का प्रभाव और भी ज्यादा लंबा हो गया है। फंगस और लांग कोविड उसी का नतीजा हैं। हालांकि विशेषज्ञ अब दूसरी लहर (Covid Second Wave) के बाद पैदा हुए हालातों पर स्वस्थ होने और मानने के सवाल का जवाब दे रहे हैं।
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के पूर्व निदेशक एमसी मिश्र कहते हैं कि कोरोना होकर गुजर जाने के बाद भी आप स्वस्थ हैं या नहीं इसके लिए आपको कुछ वक्त देखना होगा। चूंकि कोरोना के ही कई रूप हैं। अगर कोई मरीज माइल्ड सिम्टोमैटिक है तो वह कोरोना के अपने नियमित समय यानि की 14 दिन में ठीक हो सकता है। उसके लक्षण ठीक होने के साथ ही वह पूरी तरह खुद को स्वस्थ मान सकता है।मॉडरेट या गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को लगता है इतना वक्त
डॉ. मिश्र कहते हैं कि कोरोना के मॉडरेट या गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को ठीक होने में कम से कम चार हफ्ते का समय लग सकता है। लेकिन अगर किसी की सूंघने कर क्षमता आदि चली गई है तो उसे वापस आने में लंबा समय भी लग सकता है। अगर लक्षणों की बात करें तो जैसे जैसे बुखार, दर्द, खांसी, आवाज में बदलाव जैसे लक्षण खत्म हो जाते हैं मरीज ठीक हो जाता है। अगर ऑक्सीजन स्तर कम हुआ है या आईसीयू की जरूरत पड़ी है। मरीज अस्पताल में गया है तो भी उसे एक महीने से डेढ़ महीने का समय ठीक होने में लगता है।