नई दिल्ली। देश में कोविड वैक्सीन की किल्लत से जुड़ी खबरों के बीच बड़ी दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वाली वैक्सीन के बारे में बड़ी ही अच्छी खबर आई है। यह अमेरिकी कंपनी दुनिया की एक मात्र दवा बनाने वाली कंपनी है, जो सिर्फ एक डोज वाली कोरोना वैक्सीन बना चुकी है। जॉनसन एंड जॉनसन ने भारतीय रेगुलेटर को बताया है कि वह यहां पर जल्द ही इसकी ब्रिजिंग क्लिनिकल ट्रायल शुरू करेगी।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) को लिखे खत में उसने इस संबंध में जल्द ही आवेदन देने की बात लिखी है। गौरतलब है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, क्योंकि कई राज्य अपने यहां वैक्सीन का स्टॉक खत्म होने की शिकायत कर रहे हैं।
ब्रिजिंग ट्रायल एक क्लिनिकल ट्रायल ही है, जिसमें रेगुलेटर कंपनी से कुछ सीमित संख्या (करीब 1,000)में भागीदारों को ही रजिस्टर करने के लिए कहता है। यह ट्रायल सिर्फ यह देखने के लिए होती है कि वैक्सीन कितनी सुरक्षित है और इससे उसकी इम्युनोजनिसिटी का अंदाजा लग जाता है। वैक्सीन कितनी प्रभावी है इसकी जांच ब्रिजिंग ट्रायल में नहीं की जाती, क्योंकि यह पहले किए गए क्लिनिकल ट्रायल में पूरी हो चुकी होती है। भारत में जॉनसन एंड जॉनसन ने अपनी वैक्सीन के प्रोडक्शन की क्षमता बढ़ाने के लिए बायोलॉजिकल ई से पहले ही करार कर रखा है।
अमेरिकी रेगुलेटर ने इस कंपनी में विकसित की गई वैक्सीन की इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी बीते फरवरी में ही दी थी। यह मंजूरी इस आधार पर दी गई थी कि फेज-3 ट्रायल में गंभीर बीमारी को रोकने में टीकाकरण के 28 दिन बाद इसे 85 फीसदी तक प्रभावी पाया गया था। जबकि कोरोना से सामान्य से लेकर गंभीर संक्रमण को रोकने में इसे 66 से 72 फीसदी तक कारगर पाया गया था। अमेरिका में इस सिंगल-शॉट वैक्सीन की डिलिवरी मार्च के अंत से शुरू की जा है, जिसके बाद वहां सभी व्यस्क नागरिकों के टीकाकरण के रोडमैप की घोषणा की गई है।