मोदकुरिची। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शनिवार को विपक्षी द्रमुक और उसकी सहयोगी कांग्रेस पर तीखा हमले करते हुए कहा है कि लोकतंत्र में विश्वास न करने वाले इन वंशवादी दलों को नकारने का समय आ गया है।
नड्डा ने शनिवार को छह अप्रैल को तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले एक जन सभा में कहा, ‘‘हमारे विरोधी तमिलनाडु को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। द्रमुक और कांग्रेस वंशवादी पार्टियां हैं जो लोकतंत्र में भी विश्वास नहीं करती हैं। दोनों पार्टियों को तमिलनाडु और देशवासियों द्वारा दो बार नकारा जा चुका है। अन्नाद्रमुक और भाजपा जैसी लोकतांत्रिक पार्टियां जनता के आशीर्वाद से आगे बढ़ती रहेंगी।’’
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘द्रमुक वंश, धन और कट्टा पंचायत के लिए खड़ा है और द्रमुक-कांग्रेस 2जी, 3जी, 4जी और जीजा जी के लिए जानी जाती हैं। अगर आप चाहते हैं कि तमिलनाडु में जमीनें न हड़पी जाएं, गुंडा राज न हो, बिजली कटौती न हो और धार्मिक तथा सांस्कृतिक भावनाएं बरकरार रहें तो अन्नाद्रमुक-भाजपा के उम्मीदवारों को चुनें।’’
नड्डा ने कहा कि द्रमुक के बड़े नेताओं ने महिलाओं और दलितों के खिलाफ दिए गए बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि उन्हें सबक सिखाया जाए। उन्होंने कहा कि जब-जब क्षेत्रीय आकांक्षाओं को बचाने की बात आई है तब-तब द्रमुक बुरी तरह से विफल रहा है। यही कारण है कि तत्कालीन केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जयराम रमेश जल्लीकट्टू के खिलाफ एक कानून लेकर आए थे, जिसे बाद में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अध्यादेश लाने का फैसला किया और सुनिश्चित किया कि जल्लीकट्टू जारी रहे। नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिल भाषा को वैश्विक स्तर और दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक मंच संयुक्त राष्ट्र महासभा में ले जाने में कामयाब रहे, जहां उन्होंने एक तमिल कवि की पंक्तियों को सुनाया।
मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों द्वारा शिकार करना रोक दिया गया था और देवेंद्रकुला समुदाय की दशकों पुरानी मांग को स्वीकार करते हुए अब उन्हें वेल्लार का अधिकार दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी तमिलनाडु को मुख्यधारा में लाये हैं। 13वें वित्त आयोग में अकेले तमिलनाडु को ही 94 हजार करोड़ रुपये मिले। मोदी के नेतृत्व में 14वें वित्त आयोग के तहत तमिलनाडु को 5.42 लाख करोड़ रुपये मिले, जो कि 4.5 गुना अधिक है। केंद्र ने तमिलनाडु को 11 मेडिकल कॉलेज दिए हैं जो भारत में सबसे अधिक हैं।