नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi) ने नेपाल से कहा है कि पड़ोसी देश भारत में विकसित कोरोना वायरस (Coronavirus) की दो वैक्सीन के टीकों की सप्लाई पाने वाले पहले कुछ चुनिंदा देशों में से एक होगा. वैक्सीन सप्लाई कब से होगी, इसका ऐलान आने वाले हफ्ते हो सकता है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने ये वादा नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञ्याली के हालिया नई दिल्ली दौरे के दौरान किया, जब विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर और उनके समकक्ष ज्ञ्याली के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई.
हालांकि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के राजनीतिक विरोधियों ने ज्ञ्याली के दौरे को कम करके आंका, लेकिन तथ्य ये है कि नई दिल्ली में नेपाली विदेश मंत्री ने द्विपक्षीय रिश्ते को जिस पेशेवर और दृढ़ विश्वास से निभाया, उसने काफी प्रभाव छोड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 16 जनवरी को कोरोना वायरस वैक्सीन लॉन्चिंग कार्यक्रम में व्यस्त होने की वजह से ज्ञ्याली की मुलाकात नहीं हो सकी, लेकिन उनके दौरे की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में उनकी अगवानी की.
माना जा रहा है कि भारत सरकार अपने पड़ोसी देशों की आपातकालीन जरूरतों को पूरा करने के लिए नेपाल के अलावा भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, मालदीव को कोरोना वायरस वैक्सीन की सप्लाई करेगा. ये वैक्सीन निश्चित आयु वर्ग के लोगों पर प्राथमिकता के आधार पर नियंत्रित इस्तेमाल के लिए दी जाएंगी. केंद्र सरकार वैक्सीन की सप्लाई की योजना पर काम कर रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक ज्ञ्याली ने अपने दौरे पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर को नेपाल में कोरोना वायरस टीकाकरण कार्यक्रम की तैयारियों के बारे में जानकारी दी. दोनों देश अब टीकाकरण कार्यक्रम की ट्रेनिंग और मॉड्यूल को लेकर चर्चा करेंगे, वैक्सीन की सप्लाई के बाद नेपाल के फ्रंटलाइन वर्करों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाएगा. नेपाल में कोरोना वायरस संक्रमण के 2 लाख 67 हजार से ज्यादा मामले हैं, जबकि महामारी में 1 हजार 954 लोगों की मौत हुई है. 2019 के नवंबर-दिसंबर में कोरोना वायरस चीन के वुहान से निकल पूरी दुनिया में फैला.