नई दिल्ली। सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने भारतीय संविधान को दुनिया का बेमिसाल संविधान बताते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में संविधान राज्य के लिए धर्म ग्रंथ के समान है। जावड़ेकर ने गुरुवार को यहां संविधान दिवस के मौके पर संविधान के मौलिक अधिकार और कर्तव्य से संबंधित एक ई-बुक को जारी करते हुए यह बात कही। इस ई-बुक का संकलन प्रेस सूचना कार्यालय ने किया है। इसमें संविधान से सम्बन्धित 32 लेख शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा कुछ नया करते हैं और उन्होंने 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की क्योंकि उनका मानना था कि हमारा संविधान बहुत महत्वपूर्ण है और राज्य के लिए एक धर्म ग्रंथ के समान है। इसलिए उन्होंने संविधान के सामने अपना माथा टेका था। उन्होंने कहा कि बाबा अंबेडकर साहब द्वारा तैयार हमारा संविधान दुनिया का बेमिसाल संविधान है। इसमें अल्पसंख्यकों वंचितों को अधिकार दिया गया है तथा सामाजिक न्याय और स्त्रियों को मताधिकार का प्रावधान भी किया गया जबकि दुनिया के कई देशों में महिलाओं को आसानी से मताधिकार नहीं मिला पर हमारे यहां संविधान बनते ही उन्हें यह अधिकार मिला।
उन्होंने कहा कि देशवासियों को संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों से परिचित कराने के लिए यह ई-बुक तैयार किया गया है। आजकल का जमाना है ई-बुक का है। हमारे पास करीब पांच करोड़ ई-मेल एड्रेस हैं और लोगों को ईमेल के जरिए यह किताब दी जाएगी। इस किताब में मौलिक अधिकार और कर्तव्य से संबंधित जिनमें देश के अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से लेकर कई कानूनविदों के लेख भी शामिल है। उन्होंने कहा कि आजदिन भर संविधान दिवस के मौके पर कई कार्यक्रम हुए। राष्ट्रपति ने भी संविधान दिवस के मौके पर लोगों को संविधान की शपथ दिलाई। विभिन्न विभागों और कार्यलयों में भी शपथ दिलाई गई। इस मौके पर सूचना प्रसारण सचिव अमित खरे भी मौजूद थे।