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इस बार बिहार में अपनों पर ही सियासी तीर चलाएंगे राजनेता

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 18 2020 5:04PM | Updated Date: Oct 18 2020 5:04PM
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पटना। बिहार विधानसभा के लिए 28 अक्टूबर को प्रथम चरण की 71 सीटों पर होने वाले चुनाव में कई राजनेताओं ने अपनों का साथ छोड़कर परायों का हाथ दाम लिया और अपनी पूर्ववर्ती पार्टी पर ही चुनावी तीर चला रहे हैं। जमुई जिले की जमुई सीट से पूर्व कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह के पुत्र अजय प्रताप भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर इस बार राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के टिकट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व  सांसद पुतुल कुमारी की पुत्री और राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक विजेता अंतर्राष्ट्रीय शूटर भाजपा प्रत्याशी श्रेयसी सिंह के विरुद्ध चुनावी अखाड़े में उतर आये हैं।
 
श्रेयसी पहली बार चुनावी रणभूमि में अपनी पारी का आगाज कर रही हैं। इस सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री जय प्रकाश यादव के भाई और निवर्तमान विधायक विजय प्रकाश यादव फिर से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के टिकट पर सत्ता के संग्राम में अपना जौहर दिखाने जा रहे हैं। वर्ष 2015 में राजद प्रत्याशी श्री यादव ने भाजपा के अजय प्रताप को 8240 मतों के अंतर से पराजित किया था। 
 
जमुई जिले की चकाई सीट से श्री नरेन्द्र सिंह के ही पुत्र सुमित कुमार सिंह जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से टिकट नहीं मिलने के बाद  निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं और जदयू प्रत्याशी पर ही सियासी ‘तीर’ चला रहे हैं। जदयू ने संजय प्रसाद को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 2015 में राजद के टिकट पर निवर्तमान विधायक सावित्री देवी फिर से ताल ठोंक रही हैं। वर्ष 2015 में राजद प्रत्याशी सावित्री देवी ने निर्दलीय उम्मीदवार सुमित कुमार ंिसह को 12113 मतों के अंतर से परास्त किया था। बाद में सुमित सिंह जदयू में शामिल हो गये थे।
बक्सर जिले की डुमरांव विधानसभा सीट से जदयू ने पार्टी की प्रवक्ता अंजुम आरा को उम्मीदवार बनाया है, जो पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, जदयू से टिकट नहीं मिलने से नाराज निवर्तमान विधायक ददन सिंह यादव उर्फ ददन पहलवान निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी अखाड़े में उतरकर जदयू प्रत्याशी अंजुम आरा को चुनौती दे रहे हैं।
 
उन्होंने वर्ष 2015 के चुनाव में जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा था और बीएलएसपी उम्मीदवार राम बिहारी सिंह को 30339 मतों के अंतर से मात दी थी। महागठबंधन की ओर से भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के टिकट पर अजित कुमार सिंह पहली बार किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं डुमरांव से महाराज कमल बहादुर सिंह के पौत्र शिवांग विजय सिंह भी निर्दलीय चुनाव लड़कर मुकाबले को रोचक बनाने में जुटे हैं।
 
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