गांधीनगर। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आज राज्य के भावनगर में विश्व के पहले कंप्रेस्ड नेचुरल गैस टर्मिनल बंदरगाह को विकसित करने के आशय पत्र को स्वीकृति दे दी। आज शाम जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार रूपाणी ने गुजरात इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड की नवंबर-2019 में हुई बैठक में विश्व के सर्वप्रथम सीएनजी टर्मिनल की स्थापना गुजरात में करने के प्रस्ताव को स्विस चैलेंज मॉडल के जरिए आगे बढ़ाने को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। इसके बाद गुजरात मेरिटाइम बोर्ड के द्वारा नियमानुसार तमाम प्रक्रियाएं शुरू की गई थी।
अब राज्य के इस सर्वप्रथम ब्राउनफील्ड पोर्ट प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार ने फोरसाइट समूह, पद्मनाभ मफतलाल समूह और नीदरलैंड स्थित बोस्कालिस के एक गठजोड़ को डेवलपर के रूप में इसे विकसित करने को मंजूरी दी है। अब यह गठजोड़ इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने और पर्यावरण संबंधित मंजूरी प्राप्त करने का कार्य शुरू करेगा जिसमें 18 महीने का समय लगेगा। उसके बाद परियोजना स्थल पर निर्माण कार्य को तीन वर्ष में पूरा करेगा। इसके बनने पर गुजरात देश का एकमात्र ऐसा राज्य होगा जहां सीएनजी और तरल प्राकृतिक गैस दोनों के टर्मिनल होंगे।
राज्य में अभी मौजूद दहेज और हजीरा स्थित एलएनजी टर्मिनल के बाद भावनगर का यह विश्व का पहला सीएनजी टर्मिनल विश्व मेरिटाइम नक्शे पर गुजरात का दबदबा स्थापित करेग। भावनगर बंदरगाह पर निर्मित होने वाले इस सीएनजी टर्मिनल की परियोजना के पहले चरण के तहत 1,300 करोड़ रुपए के पूंजीनिवेश से प्रतिवर्ष 15 लाख टन क्षमता के सीएनजी टर्मिनल के साथ ही प्रतिवर्ष 45 लाख टन क्षमता वाला लिक्विड कार्गो टर्मिनल, कंटेनर और व्हाइट कार्गो टर्मिनल तथा रो-रो टर्मिनल विकसित करने की योजना है। यह पूरा प्रोजेक्ट 1,900 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से आकार लेगा।