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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की लटेरी के कृषक से बातचीत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 10 2020 12:17AM | Updated Date: Aug 10 2020 12:18AM
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भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रिलीज ऑफ बेनिफिट अंडर पीएम किसान एंड लांच ऑफ फांयनेशियल फैसिलिटी अंडर एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड कार्यक्रम के अवसर पर वेबकास्ट द्वारा देश के कृषक संघों से चर्चा के दौरान विदिशा जिले के लटेरी के कृषक एवं प्राथमिक कृषि सहकारी समिति लटेरी के सचिव मुकेश शर्मा से बातचीत में कहा कि कृषकों को रासायनिक खाद और कीटनाशक का कम उपयोग करने के लिए प्रेरित करें। इससे जमीन का स्वास्थ्य सुधारने में मदद मिलेगी।
 
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 8 करोड़ 55 लाख किसानों के खातों में 17 हजार एक सौ करोड़ रुपये सिंगल क्लिक से ट्रांसफर किए गये। इसके साथ ही फायनेन्शियल फैसिलिटी अंडर एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत चार साल के लिए एक लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। मोदी ने मध्यप्रदेश सहित कर्नाटक तथा गुजरात के कृषक संघों से भी बातचीत की। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
 
लॉकडाउन में किसानों को लाभान्वित करने, आत्मनिर्भर बनाने और किसान बन्धुओं की आय दोगुनी करने की दिशा में अनेक कल्याणकारी निर्णय लिए गए हैं। प्रदेश के किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के अंतर्गत सहकारी समितियों को वित्त-पोषण सुविधा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इससे समितियाँ बहुउद्देशीय गतिविधियाँ संचालित कर सकेंगी। इससे कृषक और कृषि की स्थिति में बदलाव आएगा।
 
कृषि में वैल्यू एडिशन करने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि लटेरी ने न केवल विदिशा बल्कि मध्यप्रदेश का नाम भी गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए गौरव की बात है कि देश के 3 राज्यों में मध्यप्रदेश भी शामिल है। वेबकास्ट पर चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी ने कृषक शर्मा से कहा कि वे अपने साथियों को रासायनिक खाद और कीटनाशक का कम उपयोग करने के लिए प्रेरित करें। इससे जमीन का स्वास्थ्य सुधारने में मदद मिलेगी। शर्मा ने प्रधानमंत्री को बताया कि उनकी समिति में 1125 किसान जुड़े हैं।
 
यह समिति फसल बीमा, किसानों को खाद-बीज उपलब्ध कराने, कृषि उत्पाद के क्रय कार्य में निरंतर सक्रिय है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क व सेनेटाइजर के उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए भी समिति सदस्यों को लगातार प्रेरित करती है। प्रधानमंत्री द्वारा भविष्य की योजनाओं के संबंध में पूछने पर शर्मा ने कहा कि पांच हजार मैट्रिक टन क्षमता के गोदाम निर्माण, ग्रेंिडग और ई-मंडी की सुविधा विकसित करने की योजना है।
 
इस वेबकास्ट में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी भाग लिया। हरियाणा डिफाल्टर सूचना अधिकारी 1726 डिफाल्टर सूचना अधिकारियों से 2.27 करोड़ रूपए जुर्माना वसूली के लिए लोकायुक्त में केस दायर  हिसार1 हरियाणा में पिछले कुछ वर्षों में 2.27 करोड़ रूपए जुर्माना राशि जमा  नहीं कराने वाले 1726 डिफाल्टर जनसूचना अधिकारियों के खिलाफ शिकायत  लोकायुक्त अदालत में पहुंच गई है। समालखा (पानीपत) के सूचना अधिकार कार्यकर्ता पी पी कपूर ने आज मीडिया में जारी बयान व सोशल मीडिया में वीडियो जारी कर बताया कि उन्होंने लोकायुक्त (चंडीगढ़) को 24 जुलाई को शपथपत्र व  आरटीआई दस्तावेजों सहित शिकायत दी थी।
 
कपूर ने आरोप  लगाया है कि अधिकांश सूचना अधिकारी न तो सूचनाएं देते हैं न ही राज्य सूचना  आयोग द्वारा लगाई गई जुर्माना राशि राजकोष में जमा कराते हैं। उन्होंने कहा कि इन डिफाल्टरों के विरूद्ध सरकार कोई विभागीय कारवाई भी नहीं करती है, नतीजतन पारदर्शिता व  जवाबदेही के लिए बना आरटीआई एक्ट 2005 मजाक बनकर रह गया है।   उन्होंने बताया कि राज्य सूचना  आयोग ने वर्ष 2006 से दिसंबर 2019 तक राज्य जनसूचना अधिकारियों पर कुल  3,50,54,740 रूपए जुर्माना लगाया था, लेकिन 1726 जनसूचना अधिकारियों ने  वर्षों बीत जाने पर भी 2.27 करोड़ रूपए जुर्माना राशि जमा नहीं कराई गई।
 
सरकार  ने बस इस जुर्माना राशि की वसूली के लिए बार-बार सभी उच्चाधिकारियों को  सर्कुलर भेजकर पल्ला झाड़ लिया, लेकिन आदेशों पर अमल नहीं हुआ। जुर्माना राशियां पांच हजार रुपये से लेकर एक लाख बयासी हजार रुपये तक हैं।    कपूर ने लोकायुक्त कोर्ट से अनुरोध किया है कि सभी 1726  डिफाल्टर जनसूचना अधिकारियों से 2.27 करोड़ रूपए जुर्माना राशि ब्याज सहित  वसूल की जाए, इन जनसूचना अधिकारियों की एसीआर में विपरीत टिप्पणी दर्ज हो, जुर्माना राशि वसूली के लिए राज्य सूचना आयोग में विशेष प्रकोष्ठ गठित हो और जुर्माना वसूली न करने वाले अधिकारियों को दंडित किया  जाए। 
 
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