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सशक्त, गौरव शाली भारत का आधार बनेगा राम मंदिर: विहिप

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 2 2020 12:13AM | Updated Date: Aug 2 2020 12:13AM
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नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने राम जन्मभूमि आंदोलन के इतिहास को देश को ‘आत्मग्लानि से आत्मविश्वास’ की ओर जाने वाली एक अद्भुत गौरव यात्रा करार दिया है और कहा कि मंदिर का शीर्ष कलश स्थापित होने तक देश में सभी विभाजनकारी तत्व पूर्ण रूप से निरर्थक एवं निष्तेज हो जाएंगे तथा आत्म गौरव, स्वाभिमान, आत्मविश्वास से युक्त एक नए भारत का उदय होगा। विहिप के संयुक्त महामंत्री सुरेन्द्र जैन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आगामी पांच अगस्त को  राम मंदिर का भूमि पूजन देश के लिए एक परम गौरवशाली क्षण है। इस राष्ट्रीय गौरव को कोई धूमिल नहीं कर सकता है।
 
492 वर्ष पूर्व राम जन्मभूमि पर एक विदेशी आक्रांता बाबर द्वारा  निर्मित स्मृतियों को हटाकर राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक भगवान राम का मंदिर बनाने के लिए हिंदू समाज ने निरंतर संघर्ष किए हैं। जैन ने कहा कि 1984 से प्रारंभ हुए वर्तमान संघर्ष में तीन लाख से अधिक गांवों की सहभागिता के साथ 16 करोड़ राम भक्तों ने भाग लिया। नौ नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णय देने तक यह संघर्ष निरंतर चलता रहा। इस अद्वितीय अभियान का ही परिणाम था कि राष्ट्रीय शर्म का प्रतीक बाबरी ढांचा अब वहां नहीं है और राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण का संकल्प एक एक कदम आगे बढ़ते हुए साकार हो रहा है।
 
उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन का इतिहास देश को ‘आत्मग्लानि से आत्मविश्वास’ की ओर जाने वाली एक अद्भुत गौरव यात्रा है। लगभग 1000 वर्षों तक विदेशी आक्रमणकारियों के विरुद्ध चले निरंतर संघर्ष के बाद हमने विजय प्राप्त की थी लेकिन छद्म धर्म-निरपेक्षता की विभाजनकारी राजनीति ने देश के स्वाभिमान को कुंठित करने का प्रयास निरंतर किया। हिंदू समाज को न केवल काल्पनिक आधारों पर बांटा जा रहा था अपितु हिंदुओं में एक हीन भावना का निर्माण भी किया जा रहा था।
 
इस आंदोलन ने विभाजन की सभी रेखाओं को समाप्त कर दिया है। जाति, पंथ, भाषा, क्षेत्र आदि से ऊपर उठकर हिंदू संगठित हुआ है। विहिप नेता ने कहा कि इसी स्वाभिमान, आत्मविश्वास व राष्ट्रीय गौरव के परिणाम स्वरूप भारत में विभाजनकारी राजनीति जीवन के सभी क्षेत्रों से लुप्त होती जा रही है। देश अब आत्मविश्वास से परिपूर्ण होकर हर क्षेत्र में कल्याणकारी परिवर्तन ला रहा है। इसके साथ ही भारत वैश्विक मंच पर एक महाशक्ति के रूप में पदार्पण कर रहा है।
 
डॉ. जैन ने आगे कहा कि राष्ट्रीयता का गौरव किसी भी देश के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरक तत्व होता है लेकिन विभाजनकारी तुष्टीकरण की राजनीति के कारण भारत की राष्ट्रीयता की परिभाषा भ्रमित कर दी गई थी। अब भारत की राष्ट्रीयता को किसी विदेशी आक्रांता से नहीं जोड़ा जा सकता। राष्ट्र पुरुषों की प्रेरक गाथाएं ही इस को परिभाषित करती हैं और भगवान राम से बढ़कर राष्ट्रपुरुष कोई नहीं है।
 
इसे देश के संविधान ने स्वीकार किया है। विहिप नेता ने कहा कि इस कल्याणकारी परिवर्तन की गति तेज होती जा रही है। भगवान राम के मंदिर का शीर्ष कलश स्थापित होने तक सभी विभाजनकारी तत्व पूर्ण रूप से निरर्थक एवं निष्तेज हो जाएंगे तथा आत्म गौरव, स्वाभिमान, आत्मविश्वास से युक्त एक नए भारत का संकल्प साकार होगा। 
 
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