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मुंशी प्रेमचंदी ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी: हर्षवर्धन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 1 2020 12:02AM | Updated Date: Aug 1 2020 12:02AM
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नई दिल्ली। कलम के सिपाही के नाम से मशहूर युगप्रवर्तक रचनाकार मुंशी प्रेमचंद की 140वीं जयंती पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ . हर्षवर्धन ने आज उन्हें नमन किया। डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट किया,‘‘सौभाग्य उन्हीें को प्राप्त होता है, जो अपने कर्तव्य पथ पर अविचल रहते हैं। उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद को जयंती पर नमन। साहित्य की यथार्थवादी परंपरा  की नींव रखने वाले मुंशी जी ने सरल भाषा में अपने प्रगतिशील विचारों को पन्नों पर उतारा। उनके बिना साहित्य का संसार अधूरा है।’’
 
जटिल से जटिल मानवीय संवेदनाओं को सरलता से बयान करने वाले कलम के जादूगर मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 में उत्तर प्रदेश के लमही गांव में  हुआ था। उन्होंने कई कालजयी उपन्यासों तथा कहानियों की रचना की। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, गोदान और कर्मभूमि जैसी उपन्यासों की रचना की। मुंशी प्रेमचंद की कहानियों में पूस की रात, ईदगाह, बूढ़ी काकी, पंच परमेश्वर, कफन, नमक का दारोगा और दो बैलों की आत्मकथा आदि शामिल हैं। 
 
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