फिल्म और टीवी इंड्रस्ट्री के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बैठक की। डायरेक्टर प्रोड्यूसर को फिल्म सिटी खोलने और शूटिंग के लिए प्लान तैयार करने के लिए कहा है जिस पर जल्दी ही सरकार फैसला लेगी। सबसे मजेदार बात ये रही है कि बैठक का समापन एक गाने के साथ हुआ। मीटिंग के बारे में टीवी और सिनेमा जगत दोनों में ही अपनी अच्छी धाक रखने वाली निर्माता-निर्देशक एकता कपूर ने लिखा कि मीटिंग बहुत ही सकारात्मक रही। इसमें सीएम से बात करने वालों में एकता के साथ पुनीत गोयनका सर, एन पी सिंह सर, MD-CEO-Viacom18 राहुल जोशी, माधवन, पुनीत मिश्रा, अभिषेक रेगे, दीपक धर, आदेश बांदेकर, डॉ संजय मुखर्जी, विकास घारेलु, सुधीर नाइक भी शामिल रहे।
एकता ने लिखा, “हमने सीएम को बिजनेस और नौकरियों में आ रही गिरावट के बारे केबारे में बताया। हमने उन्हें शूटिंग दोबारा शुरू करने के लिए रास्तों के बारे में भी बताया। जबकि शूटिंग के दौरान सुरक्षा का ध्यान कैसे रखा जाएगा, इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बहुत तेजी से हमारे ज्यादातर मुद्दों की बात की। साथ ही उन्होंने अपनी टीम को भी इस बातें में बताते हुए उन्हें जल्द से जल्द संभावनाओं पर अपनी रिपोर्ट देने को कहा और हमसे भी एक व्यापक काम करने की नीति को लेकर रिपोर्ट मांगी।” सबसे मजेदार बात ये रही कि डायरेक्टर प्रोड्यूसर से बातचीत की समाप्ति एक गाने से हुई और वो गाना है, “आने वाला पल जाने वाला है।” इससे पहले भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस ने महाराष्ट्र सरकार पर कोविड-19 से निपटने के लिये निर्णय लेने में नाकाम रहने और वहां हालात को बदतर होने देने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हालात से निपटने के लिये फैसले लेने से डर रहे हैं। फडणवीस ने कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित मुंबई पर चर्चा करते हुए कहा कि वहां सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 रोगियों के लिये बिस्तर उपलब्ध नहीं हैं जबकि सरकार की नाकामियों के चलते शहर के निजी अस्पतालों के आईसीयू भी खाली पड़े हैंभ् महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि निजी अस्पताल कोरोना वायरस रोगियों से एक दिन के बिस्तर के लिये 30,000 रुपये ले रहे हैं। पिछली भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री रहे फडणवीस ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘कोविड-19 से निपटने के लिये निर्णय लेने में अक्षमता महाराष्ट्र सरकार की सबसे बड़ी समस्या है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अभी नए हैं और फैसले लेने में डर महसूस कर रहे हैं। वह काफी हद तक नौकरशाही पर निर्भर हैं।’ फडणवीस से पूछा गया कि कोविड-19 के मद्देनजर प्रवासी कामगार महाराष्ट्र से चले गए हैं, ऐसे में क्या महाराष्ट्र देश के उद्योगों का पावरहाउस बना रहेगा। इसपर फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान उन्हें रोकने के लिये कुछ खास नहीं किया।
फडणवीस ने कहा, ‘इस मामले पर राज्य सरकार ने ढुल-मुल रवैया अपनाया। ऐसा लगता है कि राज्य सरकार चाहती थी कि वे चले जाएं। महाराष्ट्र के प्रवासी कामगारों ने राज्य की अर्थव्यवस्था में काफी योगदान दिया है। हमें डर सता रहा है कि वे कब वापस लौटेंगे। लेकिन फिलहाल उनके लौटने की उम्मीद नजर नहीं आती।’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र हमेशा से भारत में विदेशी निवेश का पसंदीदा स्थान रहा है, लेकिन राज्य सरकार उद्योगों को फिर से शुरू करने को लेकर सक्रिय नहीं दिख रही। फडणवीस ने कहा, ‘महाराष्ट्र के पास चीन से जा रहे उद्योगों को आकर्षित करने का अच्छा मौका है, लेकिन इसके लिये राज्य सरकार को सक्रिय होना चाहिये।’