लखनऊ। दिल्ली के निजामुद्दीन में धार्मिक समारोह में भाग लेकर उत्तर प्रदेश आये 157 लोगों की तलाश पूरे जोर शोर से की जा रही है। दिल्ली के निजामुद्दीन में हाल ही में सम्पन्न मरकज में शामिल लोगों में 24 कोरोना पाजीटिव पाये गये थे जबकि छह के जानलेवा वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि तेलंगाना में हुई थी जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार चौकन्ना हो गयी है। जानकारी के मुताबिक मरकज में शामिल तब्लीगी जमात के 157 लोग उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों में गये हैं। इस घटना से चिंतित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मेरठ और आगरा का दौरा रद्द कर लखनऊ में अधिकारियों के साथ आपात बैठक की और सभी का हर हाल में पता करने एवं उन्हे क्वारंटाइन करने के निर्देश दिये।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि योगी को आज गाजियाबाद,आगरा और मेरठ में कोरोना संक्रमण की समीक्षा करने थी लेकिन निजामुद्दीन की घटना के बाद उन्होने सिर्फ गाजियाबाद के संक्षिप्त दौरे में एक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में जाकर वहां के हालात को परखा और लखनऊ के लिये रवाना हो गये।
अपने सरकारी आवास में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में उन्होने समूचे राज्य में तब्लीगी जमात में शिरकत करने वाले लोगों की तलाश करने के निर्देश दिये और कहा कि सभी को क्वारंटाइन किया जाये। उन्होने कहा कि इस कार्य में जरूरत पड़ने पर सेवानिवृत्त सैन्य एवं स्वास्थ्य कर्मियों की मदद ली जा सकती है। सरकार के पास उन लोगों का पूरा आंकड़ा मौजूद हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश की सीमाओं से प्रदेश के अंदर अलग-अलग हिस्सों में भेजा गया है।
उन्होने एक बार फिर सभी जिलाधिकारियों को लाकडाउन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिये और कहा कि इसमें शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जायेगी। उन्होने कहा कि जो लोग भी लॉकडाउन का पालन करते हुए न दिखें और आश्रयहीन हों, उन्हें इन आश्रय स्थलों में रखें। जिन आश्रय स्थलों में सौ से ज्यादा लोग हों, वहां पर कम्युनिटी किचन शुरू करें और जहां सौ से कम लोग हैं, वहां उनके लिए भोजन पैकेट का इंतजÞाम किया जाए।