नई दिल्ली। नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तथा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ शाहीन बाग में 70 दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों को कांलिंदी कुंज मार्ग से हटाने को लेकर शुक्रवार को भी वार्ताकारों को मायूसी हाथ लगी क्योंकि प्रदर्शनकारी सड़क से हटने को तैयार नहीं हैं। उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त वार्ताकार वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने आज शाम तीसरे दिन प्रदर्शनकारियों से बातचीत शुरू की। वार्ताकार लोगों को कालिंदी कुंज सड़क से हटकर किसी दूसरी जगह प्रदर्शन करने की सलाह दे रहे हैं लेकिन लोग एनपीआर वापसी से पहले यहां से हटने को तैयार नहीं है। प्रदर्शनकारियों की मांगों को देखते हुए वार्ताकारों ने मीडिया के सामने ही बातचीत शुरू किया लेकिन बीच में कुछ लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया, उसके बाद दोनों वार्ताकार अपनी बात बीच में ही छोड़कर निकल गए। हंगामे और नारेबाजी के बीच वार्ताकार निकल गए।
प्रदर्शनकारी एक महिला यूनीवार्ता को बताया कि यहां कुछ माहौल को खराब कर रहे हैं और ऐसे लोग नहीं चाहते हैं कि बातचीत सही ढंग से हो। बातचीत के बीच ही कुछ लोग नारेबाजी करने लगे जिसके कारण वार्ताकार चले गए। इससे पहले रामचंद्रन ने कहा,अपना फैसला खुद करें किसी और को अपना फैसला नहीं करने दें। हम सरकार की ओर से नहीं अदालत की तरफ से आये हैं और सोच समझकर फैसला आपको करना है। हेगड़े ने कहा कि उनका जो भी निर्णय होगा, वह अदालत के सामने रख दिया जाएगा। उसके बाद अदालत इस मामले में निर्णय लेगा। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को वहां से हटने को राजी कराने के लिए सोमवार को वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े को वार्ताकार नियुक्ति किया तथा मामले की सुनवाई 24 फरवरी तक के लिए टाल दी थी। गौरतलब है कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ इस प्रदर्शन की वजह से दक्षिणी दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाले कालिंदी कुंज सड़क दो महीने से अधिक दिनों से बंद है जिससे स्थानीय लोगों समेत यहां से गुजरने वाले राहगीरों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।