कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने रविवार को कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ को सुरक्षा और गरीबी उन्नमूलन की चुनौतियों का सामना करने की दिशा में और अधिक प्रभावी बनाने के लिए दक्षिण एशियाई देशों को सहयोग की नयी सम्भावनाओं पर विचार करने की जरुरत है। राजपक्षे ने 35 वें सार्क चार्टर दिवस पर दिये अपने संदेश में कहा,‘‘श्रीलंका एक संस्थापक सदस्य के नाते दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शांति, स्थिरता, आपसी सहयोग एवं प्रगति के लिए सार्क चार्टर के उद्देश्यों तथा सिद्धांतों के अत्यधिक महत्व देता है।’’
उन्होंने सार्क देशों का विशेष कर अपने क्षेत्र के लोगों की प्राथिकताओं के आधार सहयोग तंत्र को और अधिक प्रभावी तथा दक्ष बनाने का आ’’ान किया। उन्होंने कहा कि श्रीलंका सार्क चार्टर के तहत मजबूत सहयोग बनाने के प्रति पूरी तरह कटिबद्ध है। उल्लेखनीय है कि आठ दिसंबर 1985 को बने इस संगठन का उद्देश्य दक्षिण एशिया में आपसी सहयोग से शांति और प्रगति हासिल करना है। भारत, पाकिस्तान, बंगलादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और मालदीव समेत सार्क के सात सदस्य देश हैं।