नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए भाजपा ने राज्यसभा के अंकगणित को अपने पक्ष में करने की पूरी तैयारी कर ली है। 240 सदस्यों की प्रभावी क्षमता वाले सदन में भाजपा के पास अपने 83 सांसदों के साथ एनडीए के कुल 109 सांसद हैं, जबकि उसे बीजद, शिवसेना, टीआरएस व वाएएसआरसीपी के 18 सांसदों का समर्थन मिलने की भी संभावना है। इस साल की शुरुआत में राज्यसभा का गणित पक्ष में नहीं होने और एनडीए व समर्थन की संभावना वाले दलों के विरोध में इसे उच्च सदन में लाया नहीं जा सका था। तब से अब तक सदन का अंकगणित बदल गया है। विधयेक में जरूरी बदलाव कर भाजपा ने पूर्वोत्तर के दलों को अपने साथ खड़ा किया है।
पिछली बार विरोध करने वाले जदयू व बीजद भी अब समर्थन करने की बात कर रहे हैं। विपक्षी खेमे में गई शिवसेना व वाएएसआरसीपी भी इसके पक्ष में हैं। विधेयक को दोनों सदनों के सांसदों को भिजवा दिया गया है। संभावना है कि इसे पहले लोकसभा में सोमवार को लाया जाएगा, जिस पर मंगलवार को बहस कर पारित कराया जाएगा। उसी दिन इसे राज्यसभा में रखा जाएगा और बुधवार को वहां पर चर्चा होगी। हालांकि विधेयक को दोनों सदनों में वितरित किया गया है, इसलिए आखिरी क्षणों में सरकार की रणनीति में बदलाव होने की भी संभावना है। लोकसभा में भाजपा को भारी बहुमत है और वहां उसे कोई दिक्कत नहीं है।