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अमेरिका-तालिबान के बीच शांति वार्ता विफल होने से निराश हैं हम : इमरान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 19 2019 12:45PM | Updated Date: Sep 19 2019 12:46PM
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मास्को। पाकिस्तान, अमेरिका और तालिबान के बीच कतर की राजधानी दोहा में हुई शांति वार्ता का किसी समझौते तक नहीं पहुंच पाने से निराश है। इस महीने की शुरुआत में अफगानिस्तान के काबुल में एक आतंकवादी हमले में एक अमेरिकी सैनिक की मौत हो गई थी और इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी समूह तालिबान ने ली थी जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घाषणा की थी कि तालिबान के साथ शांति वार्ता खत्म हो चुकी है।
 
दोहा में नौंवे दौर की वार्ता के दौरान अमेरिका और तालिबान की तरफ से तैयार शांति समझौते से संबंधित प्रारूप के विवरण को अफगानिस्तानी नेतृत्व के साथ साझा किये जाने के कुछ ही घंटों बाद दो सितंबर को काबुल में यह आतंकवादी हमला हुआ था। अफगानिस्तान में सुलह के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जालमे खलीलजाद ने शांति समझौते के प्रारूप को अफगानिस्तानी नेतृत्व के साथ साझा किया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह बहुत ही निराशजनक है।
 
अमेरिका और तालिबान शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बहुत करीब थे... अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से सोमवार को न्यूयॉर्क में मेरी मुलाकात होगी और इस दौरान मैं शांति वार्ता फिर से शुरू किये पर जोर दूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह शांति वार्ता खत्म होने संबंधी श्री ट्रम्प की घोषणा से चकित रह गये  थे। उन्होंने पूरे मध्य एशियाई क्षेत्र के लिए अफगानिस्तान में शांति स्थापित होने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। अमेरिका और तालिबान करीब एक वर्ष से एक शांति समझौते के लिए प्रयासरत थे।
 
शांति समझौते के तहत सुनिश्चित किया जाना था कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी होगी और इसके बदले तालिबान को यह गारंटी देनी होगी वह कि इस देश को आतंकवादियों का पनाहगाह नहीं बनाएगा। तालिबान और अमेरिका के बीच अंतिम दौर की वार्ता दोहा में एक सितंबर को हुई थी। उस समय खलीलजाद ने कहा कि अमेरिका और तालिबान समझौते के बहुत करीब पहुंच गये हैं। इस बीच, तालिबान ने 28 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर हमले तेज कर दिये। 
 
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