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चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण की उलटी गिनती शुरू

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 22 2019 1:53AM | Updated Date: Jul 22 2019 1:53AM
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श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की चंद्रमा पर भारत के दूसरे मिशन चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के 20 घंटों की उलटी गिनती रविवार शाम शुरू हो गयी। इसरो ने ट्वीट कर बताया कि उलटी गिनती शाम 18.43 बजे शुरू हो गयी। सफल प्रक्षेपण की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं तथा सभी उपकरणों की जांच का काम भी पूरा हो चुका है। चंद्रयान का प्रक्षेपण 22 जुलाई को अपराह्न 1443 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया जायेगा। इस मिशन के लिए देश के सबसे वजनी जीएसएलवी-एमके3 एम1 रॉकेट का इस्तेमाल किया जायेगा जो 3850 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) के साथ ले जायेगा।

इसरो ने बताया कि मिशन के लिए रिहर्सल पूरा हो गया है। इससे पहले चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 15 जुलाई को किया जाना था लेकिन तकनीकी खराबी आने के कारण इसे टाल दिया गया। इसरो ने 18 जुलाई को घोषणा की थी कि विशेषज्ञ समिति ने तकनीकी खराबी के कारण का पता लगा लिया है और उसे ठीक भी कर लिया गया है। इस मिशन के मुख्य उद्देश्यों में चंद्रमा पर पानी की मात्रा का अनुमान लगाना, उसके जमीन, उसमें मौजूद खनिजों एवं रसायनों तथा उनके वितरण का अध्ययन करना और चंद्रमा के बाहरी वातावरण की ताप-भौतिकी गुणों का विश्लेषण है। उल्लेखनीय है चंद्रमा पर भारत के पहले मिशन चंद्रयान-1 ने वहां पानी की मौजूदगी की पुष्टि की थी। इस मिशन में चंद्रयान के साथ कुल 13 स्वदेशी पे-लोड यान वैज्ञानिक उपकरण भेजे जा रहे हैं।

इनमें तरह-तरह के कैमरा, स्पेक्ट्रोमीटर, रडार, प्रोब और सिस्मोमीटर शामिल हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक पैसिव पेलोड भी इस मिशन का हिस्सा है जिसका उद्देश्य पृथ्वी और चंद्रमा की दूरी सटीक दूरी पता लगाना है। यह मिशन इस मायने में खास है कि चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरेगा और सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अब तक दुनिया का कोई मिशन नहीं उतरा है। चंद्रयान के तीन हिस्से हैं। ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की ऊँचाई वाली कक्षा में चक्कर लगायेगा। लैंडर विक्रम ऑर्बिटर से अलग हो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। यह दो मिनट प्रति सेकेंड की गति से चंद्रमा की जमीन पर उतरेगा। प्रज्ञान नाम का रोवर लैंडर से अलग होकर 50 मीटर की दूरी तक चंद्रमा की सतह पर घूमकर तस्वीरें लेगा।

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