नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने मंगलवार को बताया कि देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से होने वाली मौतों में लगातार पांच हफ्तों से गिरावट दर्ज की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि देश में कोरोना वायरस से ठीक होने वाले मरीजों की दर 90।62 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि ये दर लगातार बढ़ रही है जो कि एक अच्छा संकेत है।
राजेश भूषण ने कहा कि देश के 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 78 प्रतिशत एक्टिव मामले हैं। इसमें महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना हैं। इसमें महाराष्ट्र में 21।52 प्रतिशत, केरल में 15 प्रतिशत, कर्नाटक में 12।05 प्रतिशत, बंगाल में 5।94 प्रतिशत, तमिलनाडु में 4।68 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 4।60 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 4।26 प्रतिशत, दिल्ली में 4।12 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 3।53 प्रतिशत और तेलंगाना में 2।86 प्रतिशत मामले हैं। राजेश भूषण ने बताया कि पिछले 24 घंटे में हुई मौतों में 58 प्रतिशत मौतें 5 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में हुई हैं जिसमें कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक शामिल हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि त्योहारों के मौसम में केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में मामले बढ़े हैं। राजेश भूषण ने कहा कि 1 लाख रिकवरी से 10 लाख रिकवरी होने में हमें 57 दिनों का समय लगा था, हालांकि अब सिर्फ 13 दिनों में 10 लाख लोग ठीक हुए हैं जो कि राहत की बात है। पांच राज्यों से आए 49।4 प्रतिशत मामलेराजेश भूषण ने कहा कि कोविड-19 के रोजाना आने वाले मामलों में गिरावट आने का सिलसिला जारी है, 23-29 सितंबर के बीच रोजाना औसतन 83,232 मामले आ रहे थे, 21-27 अक्टूबर के बीच 49,909 मामले आए। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 49।4 प्रतिशत मामले केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली से सामने आए।
उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 से स्वस्थ होने की दर एक सितंबर को 76।94 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 90।62 प्रतिशत हो गयी है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि भारत में कोविड-19 से मृत्यु दर एक सितंबर को 1।77 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 1।50 प्रतिशत हो गयी है। वहीं नीति आयोग के सदस्य डॉ। वीके पॉल ने कहा कि आर्थिक रूप से ज्यादा संपन्न, अधिक प्रति व्यक्ति आय और अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था वाले देश भी कोरोना की दूसरी भीषण लहर आने के बाद भी कमजोर पड़ गए, ये हम सबके लिए सबक है। हम बहुत सौभाग्यशाली हैं कि हमारे यहां ये ट्रेंड विपरीत दिशा में है।