नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चुनावी बौंड में पारदर्शिता और स्पष्टता नहीं है और इससे भ्रष्टाचार को बढावा मिलता है इसलिए सरकार को इस संबंध में रिजर्व बैंक की आपत्ति को ध्यान में रखते हुए इसे खत्म करके इसको जारी किए जाने की जांच होनी चाहिए। कांग्रेस प्रवक्त राजीव गौड़ा तथा पवन खेड़ा ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि सरकार ने रिजर्व बैंक के विरोध को दरकिनार किया है। चुनाव आयोग ने भी इसे लागू करने को गलत बताते हुए इसका विरोध किया था लेकिन सरकार ने रिजर्व बैंक तथा आयोग की मांग को ध्यान में रखे बिना योजना को लागू किया है। उन्होंने कहा कि इन दोनों संस्थानों ने कहा था कि इस योजना से कालेधन को बढावा मिलेगा और काले धन को सफेद करने में आसानी होगी।
उन्होंने कहा कि ये बौंड किसने खरीदे और कितना खरीदे हैं इस संबंध में सूची को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। हाल में 20 करोड रुपए चुनावी बौंड के प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा हुए हैं। साफ है कि भाजपा को पैसे की जरूरत नहीं है इसलिए यह पैसा राहत कोष में दिया है। बौंड के माध्यम से कितना पैसा आया और किसने बौंड पर पैसा लगाया उनकी पूरी सूची सरकार को सबके सामने रखनी चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार आयरक विभाग, केंद्रीय जांच ब्यूरो-सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय-ईडी का इस्तेमाल विपक्ष दलों के नेताओं तथा अन्य विरोधियों के खिलाफ कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस योजना को लेकर रिजर्व बैंक की आपत्ति को गलत तरीके से खारिज किया। तत्कालीन वित्त सचिव ने रिजर्व बैंक के इस विरोध को दर किनार कर दिया।