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Drishti Eye Drop समेत पतंजलि के इन 14 प्रोडक्ट्स पर लगा बैन, जानें वजह

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 30 2024 11:57AM | Updated Date: Apr 30 2024 11:57AM
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पतंजलि को उत्तराखंड सरकार से बड़ा झटका लगा है। उत्तराखंड के औषधि नियंत्रण विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण की दिव्य  फार्मेसी कंपनी के 14 प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया गया है। पतंजलि पर यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा कंपनी को लगी फटकार के बाद देखने को मिली है। आपको बता दें कि दिव्य फार्मेसी के इन प्रोडेक्टस पर प्रतिबंध भ्रामक विज्ञापन मामले में लगाया गया है। दिव्य फार्मेसी के जिन उत्पादों पर प्रतिबंध लगा है, उनमें श्वासारि गोल्ड,  लिपिडोम, बीपी ​ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, श्वासारि वटी, दिव्य ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, आईग्रिट गोल्ड और पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप शामिल हैं।

उत्तराखंड औषधि नियंत्रण विभाग के नोटिफिकेशन में बताया गया कि दिव्य फार्मेंसी की तरफ से अपने प्रोडक्ट्स की असर के बारे में लगातार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए लाइसेंस पर रोक लगा दी गई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों कुछ प्रोडक्ट्स के के भ्रामक विज्ञापनों को रोकने संबंधी दिशा निर्देशों का पालन न करने पर पतंजलि आयुर्वेदा को कड़ी फटकार लगाई थी। हालांकि पतंजलि की तरफ से बार-बार माफी मांगने की बात कही गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव की इस अर्जी की खारिज कर दिया था। अब सर्वोच्च अदालत कल यानी 30 अप्रैल को पतंजलि केस में सुनवाई करेगी। इस दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि योग गुरु स्वामी रामदेव के खिलाफ अवमानना का आरोप लगाया जाए या नहीं। 

इससे पहले बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मौखिक रूप से बिना शर्त माफी मांगी। पीठ ने सवाल किया कि आपने चिकित्सा की अन्य प्रणालियों को त्यागने के लिए क्यों कहा। इसके जवाब में बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि ने आयुर्वेद को साक्ष्य-आधारित चिकित्सा प्रणाली बनाने का प्रयास किया है। वह किसी की आलोचना नहीं कर रहे हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि हम आपके रवैए की बात कर रहे हैं। अगर आपने (शोध) किया है, तो केंद्र सरकार की अंतःविषय समिति में इसे आप साबित करिए। आपके वकील ने कहा है कि आप अपने आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए अन्य दवाओं या उनके उपचारों को खारिज नहीं करेंगे।

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