नई दिल्ली। बस कुछ समय का इंतजार और टनल से मजदूरों का बाहर निकलना शुरू हो जाएगा… ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि टनल से पास से तेज हुई हलचल से ये अनुमान लगाया जाने लगा है. टनल के पास अधिकारियों का मूवमेंट तेज हो गया है. अभी से हेलीपैड पर 41 एबुलेंस को तैनात कर दिया गया है. सभी एबुलेंस में डॉक्टरों की टीम है. सूत्रों के मुताबिक, एक से दो घंटे में ये रेस्क्यू मशिन कंपलीट कर लिया जाएगा, क्योंकि अर्थ ऑगर मशीन 45 मीटर तक ड्रिलिंग कर चुकी है. सिर्फ 12 मीटर की ड्रिलिंग और रह गई है. उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी भी थोड़ी देर में घटनास्थल पहुंचने वाले हैं.
अहमद ने यह भी कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे ज्यादा समय पाइपों की वेल्डिंग में लगता है, जिसे ड्रिल किए गए छेदों में डाला जाना है. ताकि श्रमिकों को वहां से निकलने का रास्ता मिल सके. उन्होंने आगे बताया, "वेल्डिंग सबसे महत्वपूर्ण है... इसमें समय लगता है. ड्रिलिंग करने में ज्यादा समय नहीं लगता... इस वजह से 18 मीटर पाइप यानी तीन सेक्शन भेजने में देर रात से लगभग 15 घंटे लग गए. टनल के अंदर 21 मीटर अंदर एक एकस्ट्रा 800 मिमी पाइप भी डाली गई है."
महमूद अहमद ने बुधवार को बताया कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन देर रात तक खुशखबरी मिल सकती है. उन्होंने बताया कि मजदूरों को सुबह टूथब्रश-पेस्ट, टॉवल, अंडरगारमेंट्स और नाश्ता भेजा गया. मजदूरों ने मोबाइल और चार्जर की भी डिमांड की थी, उन्हें वह भी भेजा गया है. सभी मजदूर ठीक हैं. उन्होंने बताया कि मलबे के साथ एक लोहे की रॉड भी आई है. हमें खुशी है कि इस (रॉड) ने हमारे लिए कोई समस्या पैदा नहीं की..."