भारतीय नौसेना ने अपने नए स्वदेशी वॉरशिप INS मोरमुगाओ से ताकतवर ‘सी स्कीमिंग’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। मिसाइल ने तय समय में निर्धारित लक्ष्य को भेदने में सफल रही। मोरमुगाओ को पिछले साल दिसंबर में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। इस युद्धपोत को आधुनिक सेंसर और रडार से लैस किया गया है ताकि ऑपरेशन के दौरान दुश्मन इसकी नजरों से बच के न निकल पाएं।
युद्धपोत से ब्रह्मोस मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद भारतीय नौसेना ने बयान जारी कर इसे बड़ी सफलता बताया है। नेवी ने कहा कि मोरमुगाओ से दागी गई मिसाइल ने समंदर की सतह पर तैरते हुए सुपरसोनिक टारगेट को सफलतापूर्व भेदने में सफल रही। आगे कहा गया यह पहला प्रयास इंडियन नेवी की फ्यूचर प्रूफ कॉम्बैट रेडीनेश और आत्म निर्भर भारत के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मोरमुगाओ का नाम गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर रखा गया है। 19 दिसंबर 2021 को इसे नेवी में शामिल किया गया। 19 दिसंबर का दिन गोवा के लिए काफी अहम माना जाता है। 60 साल पहले इसी दिन गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया गया था। मारमुगाओ के 75 फीसदी हिस्से का निर्माण भारत में किया गया है जबकि 25 फीसदी हिस्से का निर्माण बाहर से किया गया है।
मोरमुगाओ के खासियत के बारे में बात करें तो यह 163 मीटर लंबा है और इसकी चौड़ाई 17 मीटर है और विस्थापन करीब 7400 टन का है। भारतीय नौसेना के मुताबिक भारत में निर्मित मोरमुगाओ को सेना के सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में गिना जा सकता है। युद्धपोत में चार ताकतवर गैस टर्बाइन लगी हैं जिसके जरिए इसे चलाया जाता है। यह युद्धपोत 30 समुद्री मील की रफ्तार से चलने सक्षम है। इस युद्धपोत को पी-15 ब्रावो प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है। भारत में इस प्रोजेक्ट के तहत कुल चार युद्धपोत बनाए जा रहे हैं। इसमें दो नेवी को मिल चुके हैं जबकि दो का अभी निर्माण किया जा रहा है।