नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना ने मिग 21 के पूरे बेड़े की उड़ान पर रोक लगा दी है। लगातार हादसों के शिकार हो रहे विमानों के कारण वायुसेना ने ये सख्त निर्णय लिया। हाल ही में राजस्थान में एक मिग-21 विमान क्रैश हो गया था। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि अभी स्थायी तौर पर ये रोक नहीं लगाई गई है। दरअसल, भारतीय वायुसेना ने मिग-21 विमान की उड़ान पर रोक लगाने का निर्णय राजस्थान में हुए विमान हादसे के बाद लिया। यह हादसा दो सप्ताह पहले हुआ था। इस हादसे की जांच अभी भी जारी है। उच्च अधिकारियों के अनुसार, इस विमान की उड़ान पर रोक लगा दी गई है क्योंकि आठ मई को हुई दुर्घटना की जांच अभी भी जारी है। इसमें हादसे के कारणों की जांच हो रही है।
अधिकारियों का कहना है कि जांच अब भी जारी है। ऐसे में विमान में तीनों स्क्वाड्रन उड़ान नहीं भरेंगे। मिग वैरिएंट के पहले बेडे को 1963 में शामिल किया गया था। दशकों के बाद भी भारत ने 700 से ज्यादा मिग-वैरिएंट विमान को खरीदा। इन्हें रिप्लेस करने के लिए वायुसेना ने 83 तेजस लड़ाकू विमानों को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से खरीदा था। यह सौदा 48,000 करोड़ रुपये का था।
1960 के दशक में शामिल मिग-21 विमान से अब तक 400 से अधिक हादसे हो चुके हैं। इसे चरणबद्ध तरीके से बाहर करने की तैयारी है। इस समय भारतीय वायुसेना में केवल तीन मिग-21 स्क्वाड्रन ही काम कर रहे हैं। इन सभी को 2025 की शुरुआत में चरणबद्ध तरह से हटा दिया जाएगा। राजस्थान में हुए हादसे में मिग-21 नियमित उड़ान पर था। उड़ान के वक्त विमान क्रैश हो गया। इस हादसे के दौरान पायलट को मामूली चोटें आईं। IAF के पास 31 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन हैं। इसमें तीन मिग-21 बाइसन वेरिएंट भी हैं।