नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना मामलों में एक बार फिर से इजाफा हो रहा है। ऐसे में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने भी तबाही मचा रखी है। इस बीच ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट बीए.2 ( BA.2) का पता चला है। जिसने एक बार फिर से लोगों की चिंता बढ़ा दी है। भारत में इस सब-वेरिएंट के अभी तक 530 सैंपल्स मिल चुके हैं। ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट ने ब्रिटेन में कोहराम मचा रखा है। लेकिन अब इसने भारत में भी एंट्री ले ली है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक BA.2 वेरिएंट ओमिक्रॉन से भी तेजी से फैलता है। ब्रिटिश हेल्थ डिपार्टमेंट ने ओमिक्रॉन के इस सब-वेरिएंट से जुड़े सैकड़ों मामलों की पहचान की है। यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) ने इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए जांच के बाद इसका नाम बीए.2 रखा है।
जानकारी के मुताबिक, जनवरी के पहले 10 दिनों में ब्रिटेन में इस वेरिएंट के 400 से अधिक मामलों की पहचान की गई है. एक ऑनलाइन न्यूज मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट के 530, स्वीडन में 181 और सिंगापुर में 127 सैंपल मिले हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ओमिक्रोन वेरिएंट को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' बताया है। ये माना जा रहा है कि इसका सब-वेरिएंट बीए.2 भी इसी तरह का है। यानी इन दोनों के बीच कोई खास अंतर नहीं है। हालांकि, वैज्ञानिक ये निर्धारित करने के लिए इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं। कि ये भविष्य में महामारी के प्रसार को कैसे प्रभावित कर सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक करीब 40 देशों में ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट का पता चला है। डेनमार्क में BA.2 के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। डेनमार्क के विशेषज्ञों ने आशंका जताई है। कि नए वेरिएंट की वजह से ओमिक्रॉन वायरस से बढ़ रही महामारी के दो अलग-अलग पीक आ सकते हैं। ओमिक्रॉन के BA.2 सब-वेरिएंट का पता सिर्फ जीनोम सिक्वेंसिंग के माध्यम से लगाया जा सकता है। UKHSA के डायरेक्टर डॉ. मीरा चंद के मुताबिक ओमिक्रॉन लगातार म्यूटेट करने वाला वेरिएंट है। इसलिए ये उम्मीद की जा सकती है कि हम नए रूपों को देखना जारी रखेंगे. हम इसके जीनोम सीक्वेंसिंग पर लगातार निगरानी बनाए हुए है। और खतरे के स्तर को पहचानने की कोशिश की जा रही है. UKHSA ने चेतावनी दी है कि BA.2 स्ट्रेन के 53 सीक्वेंस हैं। जो काफी ज्यादा संक्रामक है। इसका कोई खास म्यूटेशन नहीं है, जिसके कारण इसे आसानी से डेल्टा वेरिएंट से अलग किया जा सकता है।