नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बीते लगभग 9 महीने से आंदोलन पर बैठे किसान अब सीधे तौर पर पीछे हटने को तैयार दिख रहे हैं। वे अब प्रशासन की ओर से की गई अपील के बाद नेशनल हाईवे 44 को एक ओर से खोलने को तैयार हो गए हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने सोनीपत के डीसी ललित सिवाच और एसपी की किसानों से बातचीत कर रास्ता खुलवाने की जिम्मेदारी लगाई है। ऐसे में अधिकारी बीते मंगलवार को कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे थे।
दरअसल, सोनीपत में मंगलवार को डीसी ललित सिवाच ने किसान प्रतिनिधियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर आम जनता को हो रही समस्या के बारे में बताते हुए किसानों से मदद की मांग की। इस दौरान डीसी ने किसानों से दिल्ली से सोनीपत-पानीपत रास्ते का एक ओर का हिस्सा खोलने की भी आग्रह किया जिससे लोगों को आवाजाही में कोई समस्या ना पैदा हो। इस पर किसान प्रतिनिधियों ने संगठन की बैठक कर पॉजिटिव जवाब देने का आश्वासन दिया है।
बता दें कि बीते कई महीनों से किसान तीन कृषि कानूनों के विरोध में बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। इससे आवाजाही में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस पर डीसी ने सभी किसान प्रतिनिधियों को बताया कि मोनिका अग्रवाल की जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि जनहित में नेशनल हाइवे संख्या-44 पर कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों से एक तरफ के रास्ते को खाली करवाया जाए जिससे लोगों को परेशानी न हो।
इस बैठक में किसान प्रतिनिधियों ने विचार करने को कहा है। उन्होंने बताया कि वे एक ओर की सड़क छोड़ देंगे, लेकिन उन्हें आंदोलन जारी रखने के लिए वैकल्पिक स्थान दिलाया जाए। उनका यह भी कहना है कि दिल्ली की ओर से हाईवे को बंद करना और दीवार खड़ी करना भी इस समस्या का हिस्सा है।
इस मुद्दे में हरियाणा सरकार के गृह मंत्री अनिल विज ने किसानों से जीटी रोड खाली कराने के मामले में बुधवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में बैठक होगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के संबंध में हाई लेवल बैठक बुलाई गई है और उसी के तहत आगे का फैसला तय किया जाएगा।