मुंबई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी अपने गुस्से का इज़हार किया है। BJP विधायक प्रसाद लाड ने धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि वे शिवसेना भवन फोड़ डालेंगे। मुंबई के दादर स्थित शिवसेना भवन में हमला करने की इस धमकी के बाद शिवसेना के नेताओं ने खूब पलटवार किया है। उद्धव ठाकरे ने कहा, “अब तक टीका-टिप्पणियां सुनने की आदत सी पड़ चुकी है। कोई तारीफ करता है तो डर लगता है। वो डायलॉग है ना, थप्पड़ से डर नहीं लगता…पर ऐसे थप्पड़ हम लेते और देते आए हैं। जितने खाए हैं, उनसे दोगुने दिए हैं। आगे भी दूंगा। इसलिए हमें थप्पड़ मारने की धमकी मत देना। एक ही थप्पड़ दूंगा कि फिर कभी उठ नहीं पाओगे ” कुछ इन शब्दों में मुख्यमंत्री ने भाजपा नेता के हमले का जवाब दिया।
देवेंद्र फडणवीस का भी उत्तर आया
इस बीच प्रसाद लाड द्वारा दिए गए शिवसेना भवन को तोड़ने के बयान के बाद शिवसैनिकों की आक्रामक प्रतिक्रियाओं का उत्तर नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने भी दिया है। देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis, BJP) ने कहा, “तोड़-फोड़ करना भारतीय जनता पार्टी की संस्कृति नहीं है। प्रसाद लाड ने अपना वीडियो जारी कर इसकी सफाई भी दे दी है। हमारी ओर से यह मुद्दा खत्म हुआ है। हम किसी को बिना वजह छेड़ते नहीं। कोई हमें छेड़ता है तो उसे छोड़ते नहीं। ”
दरअसल 31 जुलाई को दादर के भाजपा कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर प्रसाद लाड ने कहा था कि दक्षिण मध्य मुंबई में कहीं भी मोर्चा होगा तो हम जाएंगे। शिवसेना को अगर ऐसा लगता है कि हम माहीम में आए तो शिवसेना भवन फोड़ने आए हैं, तो उन्हें हमें यही कहना है कि वक़्त आया तो हम सेना भवन भी फोड़ेंगे। भाजपा नेता प्रसाद लाड के इस बयान के बाद शिवसैनिक आक्रामक हो गए थे। यहां तक कि उद्धव ठाकरे भी क्रोधित हो गए। उन्होंने भी प्रसाद लाड के उस वक्तव्य का जवाब आज (रविवार, 1 अगस्त) वरली के बीडीडी चॉल रिडेवलेपमेंट से संबंधित उद्घाटन कार्यक्रम में बोलते हुए दिया।
उद्धव ठाकरे ने क्या कहा?
मुंबई के मध्य में स्थित वरली के बीडीडी चॉल के पुनर्विकास से जुड़े प्रोजेक्ट के तहत यहां इमारतें खड़ी की जानी हैं। इसके निर्माण से जुड़े काम का उद्घाटन रविवार को मुख्यमंत्री के हाथों हुआ। इस मौके पर राकांपा प्रमुख शरद पवार (NCP Chief Sharad Pawar) भी मौजूद थे। उद्धव ठाकरे ने पुरानी बातों को याद करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री के पद पर बैठकर इस नेक काम की शुरुआत मेरे हाथों से होगी, यह मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। कार्यक्रम में आते वक्त रास्ते के दोनों ओर लोग खड़े थे। इसलिए मैं गाड़ी से उतर कर चला आया। लोग फूलों की वर्षा कर रहे थे। लेकिन सच तो यह है कि इस चॉल का ऋण हम पर है। अब हम इस चॉल को टॉवर की शक्ल दे रहे हैं। लेकिन आपलोगों ने जो हमें दिया, वो ऋण हम नहीं लौटा सकते। तिलक ने कहा था, स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। लेकिन उस स्वराज में हर इंसान के पास खुद का घर होना जरूरी है। हम वही कर रहे हैं।”