नई दिल्ली। कोरोना वायस के संक्रमण के बीच अब एक और वायरस ने देश की चिंता बढ़ा दी है। ये है ज़ीका वायरस (Zika Virus)। पिछले करीब एक महीने से इस वायरस से संक्रमित लोग केरल में मिल रहे हैं। हालांकि शनिवार को महाराष्ट्र में भी ज़ीका वायरस का पहला मामला सामने आया। पुणे ज़िले के एक गांव में 50 साल की एक महिला इस वायरस से संक्रमित मिली। हालांकि अब ये महिला ठीक हो गई है और अधिकारियों ने कहा है कि फिलहाल इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
उधर केरल में शनिवार को ज़ीका वायरस के दो और नए मामले सामने आए। इसके साथ ही राज्य में ज़ीका से संक्रमित मरीज़ों की कुल संख्या अब 63 हो गई है। आखिर क्यों इस वायरस ने हर की किसी टेंशन बढ़ा दी है? और क्या ये वायरस कोरोना की तरह बेहद खतरनाक हैं। क्या कहते हैं एक्सपर्ट और क्या है इस वायरस के लक्षण आईए विस्तार से समझते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों में लक्षण विकसित नहीं होते हैं। जीका वायरस के लक्षणों में बुखार, त्वचा पर चकत्ते, नेत्रश्लेष्मलाशोथ, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता और सिरदर्द शामिल हैं। यह डेंगू जैसे अन्य अर्बोवायरस संक्रमणों के कारण बहुत समान है, और इसमें बुखार, त्वचा पर चकत्ते, कंजंक्टिवाइटिस, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता और सिरदर्द शामिल हैं। लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं और 2-7 दिनों तक रहते हैं। चार संक्रमित लोगों में से केवल एक में ही इस बीमारी के लक्षण दिखते हैं।
जीका संक्रमण से बचाव कैसे करें?
जीका वायरस संक्रमण की रोकथाम के दिशा निर्देश डेंगू जैसे अन्य अर्बोवायरस संक्रमणों के समान हैं। एडीज मच्छर और उनके प्रजनन स्थल जीका वायरस के संक्रमण के लिए एक महत्वपूर्ण फैक्टर हो सकता है। ये सलाह दी जाती है कि बाल्टी, फ्लावर पॉट्स या टायर जैसे पानी रखने वाले कंटेनरों को खाली करके, साफ करके या ढककर मच्छरों के प्रजनन को कम किया जाए।