नई दिल्ली। विश्वभर में कोरोना संक्रमण का प्रकोप जारी है। संक्रमण से बचने के लिए दुनिया भर में Vaccination Programme चल रहे है। लेकिन चीन में बनाए गए कोरोना वायरस रोधी टीके को WHO से अनुमति मिलने के बाद भी कई देश इसे मंजूरी नहीं दे रहे हैं। इन देशों में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन समेत मध्य-पूर्व एशिया के कई देश शामिल हैं। यूएई ने तो यह भी कह दिया है कि ऐसे लोगों को देश में प्रवेश नहीं दिया जाएगा जिन्होंने चीनी टीका लगवाया है।
पिछलें कुछ सप्ताहों में चीन की कोरोना Vaccine पर कई सवाल उठे हैं। सेशेल्स में मई में कोरोना के मामले अचानक बढ़े थे। यहां दुनिया में सबसे तेजी के साथ टीकाकरण किया गया था और अधिकतर लोगों को चीन में बने सिनोफार्म टीके की खुराक लगाई गई थी। टीकाकरण के बाद अचानक बढ़े मामलों ने टीके के असर पर भी सवाल खड़े किए थे।
इसके बाद से ही सऊदी अरब, बहरीन, फिलीपींस और यूएई जैसे देशों ने चीनी टीके के असर पर चिंता जताई है और इसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में मई के अंत में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि फिलीपींस के लोग चीनी टीका इसलिए नहीं चाहते हैं क्योंकि उन्हें इससे सुरक्षा और असर को लेकर शंका है।
चीन के कोरोना रोधी टीके पर सबसे ज्यादा चिंता सऊदी अरब ने जाहिर की है। उसने चीन के दोनों टीकों (सिनोफार्म और सिनोवैक) को मंजूरी नहीं दी है। सऊदी के इस कदम से चीनी टीके पर निर्भर पाकिस्तान व अन्य देश संकट में आ गए हैं। जानकारी के अनुसार इस समस्या के समाधान के लिए पाकिस्तान सऊदी अरब के साथ बात कर रहा है।