26 Apr 2024, 09:10:03 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

अब Nitrogen Plant से Oxygen बनाकर कमी को दूर करेगी सरकार, PM मोदी ने की समीक्षा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 2 2021 6:21PM | Updated Date: May 2 2021 6:22PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्‍ली. देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. दिनोंदिन मौतों के आंकड़ों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसके साथ ही ऑक्‍सीजन (Oxygen) की कमी से कुछ अस्‍पतालों में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. इस बीच केंद्र सरकार अब देश के अधिकांश नाइट्रोजन प्‍लांट (Nitrogen Plant) को ऑक्‍सीजन प्‍लांट (Oxygen Plant) में बदलकर उससे ऑक्‍सीजन उत्‍पादन (Oxygen Crisis) करने की योजना पर काम कर रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को कोविड-19 (Covid 19) के चलते उत्पन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए नाइट्रोजन संयंत्रों को ऑक्सीजन संयंत्रों में बदलने की प्रगति की समीक्षा की. प्रधानमंत्री ने आपूर्ति और उपलब्धता को बढ़ाने के लिए चिकित्सा उद्देश्यों के संबंध में गैसीय ऑक्सीजन के उपयोग की भी समीक्षा की. सरकार गैसीय ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाली औद्योगिक इकाइयों की पहचान करेगी. आसपास ऑक्सीजन बिस्तरों की सुविधा के साथ अस्थायी कोविड-19 देखभाल केंद्र स्थापित करेगी.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक देश में मेडिकल ऑक्‍सीजन की कमी को देखते हुए सरकार मौजूदा नाइट्रोजन प्‍लांट को ऑक्‍सीजन प्‍लांट में बदलने की तैयारी कर रही है. अब तक ऐसे 14 उद्योगों की पहचान की गई है जहां ऑक्सीजन उत्पादन के लिए प्‍लांट को बदलने की प्रक्रिया चल रही है. भविष्‍य में 37 नाइट्रोजन प्‍लांट की पहचान की जाएगी.

पीएमओ के अनुसार नाइट्रोजन प्‍लांट में लगने वाले कार्बन मॉलिकुलर सीव (CMS) को हटाकर जियोलाइट मॉलिकुलर सीव (ZMS) लगाया जाएगा. जेडएमएस ऑक्‍सीजन प्‍लांट में इस्‍तेमाल होता है. इसके साथ ही नाइट्रोजन प्‍लांट में ऑक्‍सीजन एनालाइजर, कंट्रोल पैनल सिस्‍टम और फ्लो वॉल्‍व जैसी कुछ चीजें भी बदलने की जरूरत होगी. इसके बाद नाइट्रोजन प्‍लांट ऑक्‍सीजन उत्‍पादन करने लगेंगे.

सरकार के अनुसार इन नाइट्रोजन प्‍लांट को ऑक्‍सीजन प्‍लांट में बदलकर कोशिश की जाएगी कि इन्‍हें नजदीक के अस्‍पतालों में स्‍थापित कर दिया जाए. लेकिन अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो यहां से उत्‍पादित होने वाली ऑक्‍सीजन को सिलेंडर या पाइप के जरिये अस्‍पतालों तक पहुंचाया जाएगा.

 

 

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »