नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि सरकार दलहनों और तिलहनों का उत्पादन बढ़ाने के लिये राज्यो के साथ मिलकर मिशन के रूप में कम कर रही है। तोमर ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन- शासी परिषद की 16वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि तिलहन मिशन पर काम किया जा रहा है, सरसों की बुवाई बढ़ी है, इसकी निरंतरता बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि तिलहन-दलहन का उपार्जन भी ठीक प्रकार से हो, इसके लिए राज्य सरकार पूरी चौकसी रखे। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूरा लाभ मिलना चाहिए।
तोमर ने बताया कि दलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए 150 सीड-हब, तिलहन हेतु 35 सीड हब और पोषक अनाजों के लिए 24 सीड हब स्थापित किए गए हैं। बीज की जरूरत को पूरा करने में ये सीड हब महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले लगभग साढ़े छह साल में सरकार ने कृषि उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने के लिए अनेक ठोस नीतिगत निर्णय लिए हैं। इसी कड़ी में, हाल ही में पेश आम बजट में कृषि ऋण के लिए किया गया साढ़े 16 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किसानों के लिए नगदी की कमी को दूर करेगा।
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए फरवरी-2020 से अभियान चलाकर 217.75 लाख आवेदन स्वीकृत किए गए और 1,68,368.33 करोड़ रुपए के ऋण मंजूर किए गए है, जिससे किसानों को काफी फायदा हो रहा है, वहीं सरकार दलहन-तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए मिशन के रूप में काम कर रही है। तोमर ने कहा कि कृषि में उत्पादन-उत्पादकता बढ़े और हम अपनी आवश्यकता की पूर्ति करने के साथ ही दुनिया में भी सहभाग कर सकें, इस दृष्टि से केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है।
सरकार की किसान हितैषी नीतियों, किसानों के परिश्रम एवं वैज्ञानिकों के अनुसंधान को मिलाकर कृषि क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। दलहन के मामले में काफी अच्छा काम किया गया है, और भी आगे बढ़ने की आवश्यकता है। तोमर ने कहा कि किसानी के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई हैं। लगभग 11.75 करोड़ किसानों को देशव्यापी कार्यक्रम के तहत मृदा स्वास्थ्य कार्ड नि:शुल्क जारी करने, परंपरागत कृषि विकास योजना के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा देने, उर्वरकों की दक्षता बढ़ाने के लिए नीम कोटेड यूरिया, आय बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय शहद मिशन, कृषि उपज की सुगम आवाजाही के लिए डेढ़ सौ से ज्यादा किसान रेल आदि इसके कुछ प्रमुख उदाहरण हैं।
प्रधानमंत्री ने पीएम फसल बीमा योजना के माध्यम से किसानों को एक बड़ा सुरक्षा कवच दिया है। इस योजना की शुरूआत से दिसंबर-2020 तक किसानों ने लगभग 19 हजार करोड़ रुपए प्रीमियम भरी, जिसके बदले उन्हें लगभग 90 हजार करोड़ का भुगतान दावों के रूप में किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 6865 करोड़ के बजट प्रावधान के साथ 10,000 नए एफपीओ बनाने की योजना भी, खासकर छोटे किसानों के लिए क्रांतिकारी साबित होगी।
आत्मनिर्भर भारत अभियान में एक लाख करोड़ के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के जरिये भी गांव-गांव व खेतों तक निजी निवेश द्वारा किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। किसानों को आय समर्थन के उद्देश्य से पीएम-किसान स्कीम शुरू की गई, जिसमें लगभग पौने 11 करोड़ किसानों को करीब 1.15 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं। लगातार कोशिश की जा रही है कि चारों तरफ से योजनाओं के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर काम करें।