नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने नौसेना से हटाये गये ऐतिहासिक युद्धपोत आईएनएस विराट को तोड़ने के मामले में यथास्थिति बरकरार रखने का शुक्रवार बुधवार को आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश शरद अरंिवद बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने मामले में यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश जारी करते हुए खरीददार श्रीराम ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज को नोटिस भी जारी किया है। न्यायालय का यह आदेश एनविटेक मेरिन कंसलटैंट्स प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर आया है, जिसने भविष्य के लिए इसे संरक्षित करने की इच्छा जतायी है और खरीदार को 100 करोड़ रुपये की पेशकश की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि इसे तोड़ने से अच्छा है कि उसे संग्रहालय में तब्दील कर दिया जाए। विमान वाहक पोत विराट को 1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। वर्ष 2017 में इसे नौसेना से हटा दिया गया था।