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संसद कानून बनाने की जगह है, विफल रहने से जनता का विश्वास उठेगा : आजाद

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 9 2021 6:41PM | Updated Date: Feb 9 2021 6:41PM
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नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि संसद में सदस्यों को अपना विरोध प्रकट करना चाहिए लेकिन यह याद रखना चाहिए कि संसद कानून बनाने की जगह है और इसमें विफल रहने से इस पर जनता का भरोसा उठ जाएगा। आजाद ने सदन में अपनी विदाई भाषण के बाद कहा कि 41 साल का अभी तक सार्वजनिक जीवन संघर्ष पूर्ण रहा है। उन्हें कठिनाईयों पर काबू पाने में महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरु मौलाना अबुल आजाद से प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि जब भी संसद में विभिन्न दलों के बीच गतिरोध पैदा होता है तो दोनों पक्षों को सोचना चाहिए कि संसद कानून बनाने के लिए हैं।
 
अगर संसद अपने इस काम विफल रहेगी तो लोगों का उस पर से विश्वास उठ जाएगा। सदस्यों को अपना विरोध करना चाहिए लेकिन संसद का कामकाज भी होना चाहिए। आजाद ने कहा कि मुसलमानों के लिए हिन्दुस्तान जन्नत है। पड़ोसी देश पाकिस्तान और अन्य मुस्लिम देशों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान का मुसलमान बेहतर हालत में हैं क्योंकि उसकी सोच अलग है। उन्होंने मुस्लिम देशों में मुसलमान किसी हिन्दु या ईसाई से नहीं लड़ रहे है बल्कि आपस में लड़ रहे हैं।
 
उन्होंने शेरो शायरी करते हुए कहा कि देश से आतंकवाद खत्म होने से खुशहाली आयेगी। आतंकवाद से हजारों लोग मरे हैं, औरतें बेवा हुई हैं और बच्चे अनाथ हो गये हैं। उन्होंने कश्मीरी पंडितों का उल्लेख करते हुए कहा कि लोगों को फिर से बसाने का प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ गुजर गया वो, जो छोटा सा फसाना था, फूल थे, चमन था और आशियाना था, ना पूछ उजड़े चमन की दांस्तां, थे चार तिनके - लेकिन आशियाना तो था। ’’
 
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