नई दिल्ली। पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने में कार्यरत पंजाबी संवर्द्धन परिषद(पीपीसी) नये कृषि कानूनों के विरोध में देश भर में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में आयी है। काउंसिल के अध्यक्ष जसवंत सिंह बॉबी ने कहा कि किसानों की सभी मांगें जायज हैं और इनके अस्तित्व से जुड़ी हुयी हैं, इसलिये सरकार को किसानों की सभी मांगे तुरंत मान लेनी चाहिये। उन्होंने कहा कि किसानों की मदद के लिये काउंसिल की टीमें सेवा में लगी हुयी हैं और आगे भी लगी रहेंगी। बॉबी ने यहां संवाददता सम्मेलन में कहा, ' किसान देश का अन्नदाता है और अगर अन्नदाता सुरक्षित नहीं है तो देश भी सुरक्षित नहीं रह सकता।
शांतिपूर्वक चल रहे इस आंदोलन में अब तक कई किसानों की जान जा चुकी है जो बेहद अफसोसजनक है। सरकार को यह समझ लेना चाहिये कि आने वाले दिनों में यह आंदोलन और तेज होगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को खतरा हो सकता है। केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन को ज्यादा दिनों तक रोक नहीं सकती, इसीलिये नये कृषि कानूनों को रद्द कर किसानों की मांगें मान लेनी चाहिये।
' बॉबी ने पंजाब के खिलाड़यिों द्वारा खेलों और सरकार द्वारा मिले मेडलों को वापस करने का स्वागत करते हुये कहा कि जब पंजाब में किसान ही सुरक्षित नहीं है तो ऐसे में किसानों के बेटों द्वारा यह पदक सजाये रखने से कोई फायदा नहीं है। उन्होंने किसान आंदोलन को शाहीन बाग से जोड़ने की भी निंदा की है। बॉबी ने कहा, ' किसान आंदोलन को शाहीन बाग से जोड़ना गलत है। कंगना रन्नौत जैसी महिलाओं के बयान किसानों के गुस्से की आग में घी डालने का काम कर रहे हैं, जिससे केंद्र सरकार की परेशानियां और बढ़ना तय है।