कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को ममता सरकार पर भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी ज्ञानवंत सिंह को बचाने का आरोप लगाया और सवाल किया कि जब उनके कृत्यों को ही अदालत ने संवैधानिक ठहराया है तथा इसे बिना कानूनी मंजूरी के लोगों के जीने के अधिकार का अतिक्रमण करार दिया है तो ऐसे में राज्य सरकार उन्हें क्यों बचा सकती हैं।
धनखड़ ने ट्वीट कर कहा, ‘‘उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 14.08.08 के अपने फैसले में कहा था कि उस समय पुलिस मुख्यालय में तैनात उपायुक्त सिंह ने एक लोक सेवक के कर्तव्य का निर्वहन करते हुए बिना कानून की इजाजत के लोगों के जीने के अधिकार पर अतिक्रमण किया और न्यायालय ने उनकी कार्रवाई को असंवैधानिक करार दिया था।’’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने एक मार्च 2011 को अपने फैसले में कहा था कि उच्च न्यायालय की एकल पीठ द्वारा दिये गये सुझाव के अनुसार यदि राज्य के पुलिस विभाग अधिकारियों के खिलाफ यदि कोई कार्रवाई की जाती है, तो वह कानून तथा उनकी सेवा शर्तों के अनुसार होगी तथा उन्हें भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा।’’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में ममता सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, ‘‘जब न्यायालय के अनुसार सिंह की कार्रवाई असंवैधानिक है और उन्होंने कानून की इजाजत के बिना लोगों के जीने के अधिकार का अतिक्रमण किया है। अदालत ने उन्हें पुलिस की शक्तियों का दुरुपयोग करने तथा संविधान के खिलाफ कार्रवाई करने का दोषी पाया है तो ऐसे में ममता सरकार सिंह का किस तरह से बचाव कर सकती है।’’